पेंटिंग की नीलामी जब भी होती है, उसका सुर्खियों में आना तय रहता है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है कि आखिर नीलामी (Auction) में कितनी बड़ी बोली लगाई गई. खैर अक्सर ही हम ऐसी खबरें सुनते रहते हैं, जिनमें इस बात का जिक्र मिलता है कि किसी पेंटिंग (Painting) को खरीदने के लिए खरीददार ने दिल खोलकर पैसे खर्च किए. हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जब एक शख्स ने एक बेहद कम कीमत में पेंटिंग खरीदी. लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि वही पेंटिंग तीन अरब में बिक गई.
एक रिपोर्ट के मुताबिक यह सब तब हुआ जब यह पता चला कि आम सी दिखने वाली ये पेंटिंग सदियों पुरानी है. यह घटना अमेरिका (America) के मैसाच्युसेट्स की बताई जा रही है. यहां के रहने वाले एक शख्स ने कुछ दिन पहले बाजार से एक मामूली से पेंटिंग खरीदी थी और उसे लाकर अपने घर (House) के एक कमरे में दीवार पर टांग दिया था. लेकिन उसे अंदाजा नहीं था कि इस पेंटिंग पर किया गया स्केच जमाने पुराना है. जिस वजह से ये काफी दुर्लभ थी.
पेंटिग खरीदने वाले शख्स को इस बारे में तब मालूम हुआ जब किसी और ने उसे ये सूचना दी कि तुम्हारे पास जो स्केच है वो बेहद ही दुर्लभ (Rare) है. इसके बाद शख्स ने इस स्केच को किसी जानकार को दिखाया. फिर जाकर मालूम हुआ कि इस पेंटिंग को सन 1503 में बनाया गया था. ये स्केच दुनिया के कुछ मशहूर (Famous) मोनोग्राम्स एल्ब्रेट डुरर के मोनोग्राम्स में से एक है. यह पुनर्जागरण काल के जर्मन आर्टिस्ट का ओरिजनल आर्टवर्क है.
आपको बता दें कि भारतीय मुद्रा के हिसाब से इसकी कीमत तीन अरब से भी ज्यादा आंकी गई है. इस स्केच (Sketch) को देखकर एक्सपर्ट हैरान रह गए कि ये उस शख्स के हाथ इतनी कम कीमत में कहां से लग गया. इसके बाद उसने खुद बताया कि इसे स्केच को उसने काफी कम दाम में बाजार से खरीदा था. इस स्केच पर एक मां-बच्चे की तस्वीर को उकेरा गया है. अब दुनियाभर में हर जगह इसी स्केच की चर्चा हो रही है.
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