पणजी:
कांग्रेस के एक सांसद ने गुरुवार को संसद में संविधान संशोधन विधेयक पेश कर संविधान में 'इंडिया' को हटाकर 'भारत' किये जाने की मांग की।
गोवा से कांग्रेस के सांसद शांताराम नायक ने विधेयक के कारणों और उद्देश्यों को बताते हुए कहा कि 'भारत' एक बहुत सम्पूर्ण अवधारणा है और 'इंडिया' शब्द केवल देश के भौगोलिक आयाम को इंगित करता है।
उन्होंने कहा कि 'इंडिया' भौगोलिक अवधारणा को दर्शाता है, जबकि 'भारत' शब्द भौगोलिक क्षेत्र की अपेक्षा काफी अधिक चीजों का वर्णन करता है। उन्होंने कहा, "जब हम अपने देश की वंदना करते हैं, तब हम कहते हैं 'भारत माता की जाय'। इंडिया की जय नहीं कहते हैं।"
नायक इससे पहले भी इसी मुद्दे पर राज्य सभा में विधेयक पेश कर चुके हैं, लेकिन उस वक्त उनका कार्यकाल खत्म हो जाने की वजह से यह गिर गया था। दोबारा से चुने जाने के बाद उन्होंने यह विधेयक फिर से पेश किया है।
नायक ने बताया, "देश का नाम 'इंडिया' से 'भारत' करने के बहुत से कारण हैं। लेकिन कारणों से अधिक यह शब्द देश भक्ति की भावना पैदा करता है और यह देशवासियों को जोश से भर देता है। यही बात प्रासंगिक है।"
गोवा से कांग्रेस के सांसद शांताराम नायक ने विधेयक के कारणों और उद्देश्यों को बताते हुए कहा कि 'भारत' एक बहुत सम्पूर्ण अवधारणा है और 'इंडिया' शब्द केवल देश के भौगोलिक आयाम को इंगित करता है।
उन्होंने कहा कि 'इंडिया' भौगोलिक अवधारणा को दर्शाता है, जबकि 'भारत' शब्द भौगोलिक क्षेत्र की अपेक्षा काफी अधिक चीजों का वर्णन करता है। उन्होंने कहा, "जब हम अपने देश की वंदना करते हैं, तब हम कहते हैं 'भारत माता की जाय'। इंडिया की जय नहीं कहते हैं।"
नायक इससे पहले भी इसी मुद्दे पर राज्य सभा में विधेयक पेश कर चुके हैं, लेकिन उस वक्त उनका कार्यकाल खत्म हो जाने की वजह से यह गिर गया था। दोबारा से चुने जाने के बाद उन्होंने यह विधेयक फिर से पेश किया है।
नायक ने बताया, "देश का नाम 'इंडिया' से 'भारत' करने के बहुत से कारण हैं। लेकिन कारणों से अधिक यह शब्द देश भक्ति की भावना पैदा करता है और यह देशवासियों को जोश से भर देता है। यही बात प्रासंगिक है।"
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