
शादी के बाद चंदन और रोजिना ने कहा कि वे दोनों देख नहीं सकते हैं, इसलिए मन की नजर से एक-दूसरे को देखेंगे.तस्वीर: प्रतीकात्मक
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रांग नंबर लगा, बातचीत से प्रेम बढ़ा, माउंटआबू का युवक और असम की युवती
मोबाइल पर एक गलत नंबर ने दो दिव्यांगों को बनाया हमसफर
पूर्व पार्षद ने किया कन्यादान, युवती के घरवाले नहीं थे शादी को तैयार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब डेढ़ साल पहले माउंटआबू में रहने वाले चंदन सिंह उर्फ सोनू किसी को कॉल लगा रहे थे, तभी वह रॉन्ग नंबर लग गया. माउंटआबू के चंदन की कॉल असम के रोजिना को लगी थी. रॉन्ग नंबर से शुरू हुई बातचीत दोनों के बीच कब प्यार में बदल गई इसका उन्हें भी अंदाजा नहीं है. बातचीत बढ़ी तो पता चला की दोनों 'स्पेशल' हैं.
दिल्ली के अंधजन पुनर्वास केंद्र के हॉस्टल में दोनों की पहली बार मुलाकात हुई. कुछ महीने पहले दोनों ने शादी करने का फैसला लिया. हालांकि रोजिना के घरवाले इस रिश्ते को लेकर तैयार नहीं थे. अंधजन पुनर्वास केंद्र की मदद से रोजिना माउंटआबू पहुंच गई. यहां के पूर्व पार्षद और लोगों ने चंदा इक्ट्ठा कर चंदन और रोजिना की धूमधाम से शादी कराई. पार्षद ने ही रोजिना का कन्यादान किया. इस शादी में काफी संख्या में मेहमान बुलाए गए थे. सभी ने इस अनोखे जोड़े को उपहार देने के साथ इनके सुखद जीवन की कामना की. शादी के बाद चंदन और रोजिना ने कहा कि वे दोनों देख नहीं सकते हैं, इसलिए मन की नजर से एक-दूसरे को देखेंगे.
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