यह ख़बर 11 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

ढाका में 16 दिन बाद मलबे से निकली जिंदगी

खास बातें

  • बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आठ मंजिली इमारत के ढहने के 16 दिनों बाद बचावकर्मियों ने मलबे से शुक्रवार को एक युवती को जीवित अवस्था में निकाल लिया।
ढाका:

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में आठ मंजिली इमारत के ढहने के 16 दिनों बाद बचावकर्मियों ने मलबे से शुक्रवार को एक युवती को जीवित अवस्था में निकाल लिया। इस हादसे में अबतक 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार राणा प्लाजा इमारत हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 1,043 हो गई है। गुरुवार को कम से कम 55 शव मलबे से बाहर निकाले गए थे।

ब्रिटिश अखबार डेली मेल की रपट के अनुसार, बचावकर्मियों ने रेशमा नामक युवती को उस समय पाया, जब राणा प्लाजा इमारत के तहखाने से कराहने की आवाज उन्हें सुनाई दी।

आश्चर्य की बात यह कि महिला को अधिक चोट नहीं लगी है और बचावकर्मियों ने अस्पताल ले जाने से पहले उसे बिस्किट और पानी दिया।

बचाव कार्य में लगे श्रमिक भारी मशीनों के जरिए एक बड़े स्लैब को तोड़ने की तैयारी में जुटे हुए थे, तभी यह चमत्कार सामने आया।

एक बचावकर्मी ने अखबार से कहा, "स्लैब तोड़ने का काम शुरू करने से पहले हमने घोषणा की और आवाज लगाई कि कोई जिंदा व्यक्ति तो यहां नहीं है, तभी हमें किसी के कराहने की आवाज सुनाई दी।"

महिला ने अपना एक हाथ हिलाया और उसके बाद टूटी आवाज में कहा कि उसका नाम रेशमा है और उसे खास चोट नहीं लगी है।

सावधानीपूर्वक चलाए गए 40 मिनट के अभियान के बाद बचावकर्मी और तमाशबीन खुशी से झूम उठे, क्योंकि महिला को जीवित अवस्था में मलबे से बाहर निकाल लिया गया था।

बैगनी रंग का परिधान पहने इस महिला का हाथ पकड़कर मलबे से निकाला गया और उसके बाद उसे एम्बुलेंस में ले जाया गया। महिला इमारत में चलने वाले परिधान कारखानों में काम करती थी।

बचावकर्मी 24 अप्रैल के हादसे के बाद से अबतक 2,400 जीवित लोगों को मलबे से निकाल चुके हैं।

इस दुर्घटना के सिलसिले में कम से कम 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार लोगों में इमारत का मालिक और परिधान कारखानों के मालिक शामिल हैं।

बैंक की एक शाखा और सैकड़ों दुकानों के अलावा इमारत की छह मंजिलों पर पांच परिधान कारखाने चलते थे, जो कई प्रमुख वैश्विक ब्रांडों के लिए परिधान बनाते थे।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इमारत में दरार देखे जाने के बाद हादसे के एक दिन पहले हजारों लोगों को इमारत से खाली करा दिया गया था, लेकिन कारखानों के अधिकारियों ने अगले दिन भी श्रमिकों को काम पर आने के लिए मजबूर किया था।