रेवाड़ी:
वायुसेना के परिवहन विमान हादसे में जान गंवाने के 45 साल बाद नॉन कमीशन्ड ऑफिसर (एनसीओ) जगमाल सिंह यादव के पार्थिव शरीर का बुधवार को हरियाणा में रेवाड़ी जिला के उनके पैतृक गांव मीरपुर में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
जगमाल का शव 22 अगस्त को पश्चिमी कमान के डोगरा स्काउट्स द्वारा खोजा गया था, जिसे उनके गांव लाया गया। फरवरी, 1968 में लेह के लिए रवाना होने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुए वायुसेना के एएन-12 विमान में सवार 102 सैनिकों में से जगमाल सहित पांच सैनिकों के शव मिल चुके हैं।
अंतिम संस्कार उनके बेटे रामचंद्र ने किया ने किया, जो खुद भी फौज में नौकरी कर चुका है। जिस वक्त जगमाल की मौत हुई थी, उनकी उम्र लगभग 35 साल की थी और रामचंद्र सिर्फ छह-सात साल के थे। शहीद के परिवार के लिए दुखद बात यह रही कि जगमाल की पत्नी अपने पति के अंतिम दर्शन नहीं कर पाई, क्योंकि 2008 में ही उनका देहांत हो गया था।
जगमाल का शव 22 अगस्त को पश्चिमी कमान के डोगरा स्काउट्स द्वारा खोजा गया था, जिसे उनके गांव लाया गया। फरवरी, 1968 में लेह के लिए रवाना होने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुए वायुसेना के एएन-12 विमान में सवार 102 सैनिकों में से जगमाल सहित पांच सैनिकों के शव मिल चुके हैं।
अंतिम संस्कार उनके बेटे रामचंद्र ने किया ने किया, जो खुद भी फौज में नौकरी कर चुका है। जिस वक्त जगमाल की मौत हुई थी, उनकी उम्र लगभग 35 साल की थी और रामचंद्र सिर्फ छह-सात साल के थे। शहीद के परिवार के लिए दुखद बात यह रही कि जगमाल की पत्नी अपने पति के अंतिम दर्शन नहीं कर पाई, क्योंकि 2008 में ही उनका देहांत हो गया था।
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