Vampire Disease: मिनेसोटा (Minnesota), यूएस की 32 वर्षीय महिला एक दुर्लभ और दर्दनाक स्थिति का सामना कर रही हैं, जिसे अक्सर "वैम्पायर रोग" (vampire disease )के रूप में भी जाना जाता है. फीनिक्स नाइटिंगेल (Phoenix Nightingale) को सल्फर से गंभीर एलर्जी है, जो लहसुन में पाया जाने वाला एक कंपाउंड है, जिसे वह निगल लें तो ये संभावित रूप से घातक रिएक्शन्स को जन्म दे सकता है. लोग इसे वैम्पायर रोग भी कहते हैं. उन्होंने जैम प्रेस (Jam Press) के साथ एक इंटरव्यू में इस बात की जानकारी दी है.
यह असामान्य विकार, जिसे तीव्र आंतरायिक पोरफाइरिया के रूप में जाना जाता है, ट्रिगर होने पर कई दिनों तक गंभीर दर्द, माइग्रेन, कब्ज और उल्टी का कारण बन सकता है. यह स्थिति काउंट ड्रैकुला के साथ ऐतिहासिक संबंध रखती है, क्योंकि यह संदेह है कि ड्रैकुला के लिए प्रेरणा व्लाद 3 भी पोरफाइरिया से पीड़ित था.
क्यों कहते हैं वैम्पायर रोग (Why is it called vampire disease?)
इस स्थिति ने पिशाचों के लहसुन, सूरज की रोशनी और उनके पीले दिखने के प्रति घृणा के बारे में मिथकों को जन्म दिया है. फीनिक्स नाइटिंगेल ने कहा, "यह उन किंवदंतियों से आता है जिनके अनुसार उन्हें लहसुन से बचना चाहिए, उन्हें धूप से दूर रहना चाहिए, वे पीले दिखते थे और उनके दांत पीछे हट रहे थे." उन्होंने कहा कि, इस विकार के तंत्रिका संबंधी दुष्प्रभावों के कारण लोग गलती से प्रभावित लोगों को "राक्षस या भूत-प्रेत" के रूप में देखने लगते हैं, जैसा कि NY पोस्ट में बताया गया है.
अपनी स्थिति के कारण, फीनिक्स नाइटिंगेल को सल्फर युक्त खाने पीने की चीजों से सख्ती से बचने के लिए मजबूर होना पड़ता है. उन्होंने कहा कि, "अधिक मात्रा में या लंबे समय तक खाना घातक हो सकता है." लक्षण अचानक दिखाई दे सकते हैं या हफ्तों तक विकसित हो सकते हैं, जिससे उनके लिए अपने दैनिक जीवन को जीना चुनौतीपूर्ण हो जाता है. वह कहती हैं कि, "मैं अपने शरीर में क्या डालती हूं, इस बारे में बहुत सावधान रहती हूं. मैं बहुत सारे फूड्स से परहेज करती हूं. मैं वही खाती हूं जो मुझे पता है कि सुरक्षित है. मैं ज्यादातर दवाएं भी नहीं ले सकती."
अपने निदान के बाद से उन्होंने लहसुन नहीं खाया है, उन्होंने कहा कि, "मैं कभी भी गार्लिक ब्रेड नहीं खा सकती. यह मुझे अटैक में डाल सकता है." दुर्बल करने वाले हमले कई दिनों तक चल सकते हैं, जिसके दौरान वह 60 बार तक उल्टी कर सकती है और सांस लेने में भी कठिनाई हो सकती है.
उन्होंने कहा कि, "मुझे एक बार ऐसा दौरा पड़ा था, जिसके लिए मैं अस्पताल नहीं गई थी और यह 40 घंटे तक चला. लगातार उल्टी, बेहोशी, चीखना और रोना जारी था." उन्होंने बताया कि, ये दुर्लभ बीमारी हैं. वह कहती हैं कि, जब मैं किसी डॉक्टर को दिखाती हूं या अस्पताल जाती हूं, तो उन्हें स्थिति के बारे में Google पर सर्च करना पड़ता है.
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