यह ख़बर 23 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

सचिन ने सेलेक्टर्स से अपनी इच्छा नहीं बताई : कपिल

खास बातें

  • तेंदुलकर का कप्तान के रूप में असफल रहने का कारण यह भी था कि उन्होंने कभी चयनकर्ताओं को यह नहीं बताया कि उन्हें कैसी टीम चाहिए।
मुंबई:

भारत के विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव का मानना है कि सचिन तेंदुलकर का राष्ट्रीय टीम के कप्तान के रूप में असफल रहने का कारण यह भी था कि उन्होंने कभी चयनकर्ताओं को यह नहीं बताया कि उन्हें कैसी टीम चाहिए। कपिल ने मंगलवार रात लीडरशिप पर पैनल चर्चा के दौरान कहा, सचिन ने कभी चयनकर्ताओं को यह संकेत नहीं दिया कि, मैं इन खिलाड़ियों को टीम में चाहता हूं। मुश्किल बात यह थी वह खुद को अपने तक सीमित रखते थे और हमें कहना पड़ता था कि सचिन आपको जाकर ऐसा कहना चाहिए। उन्होंने कहा, लेकिन उन्हें लगता था कि, मैं उनसे नहीं कह सकता, उन्हें पता होना चाहिए। जब आप लीडर होते हो तो आपको सीनियर प्रबंधन के पास जाकर यह कहना ही होगा कि आपको इस तरह की टीम की जरूरत है। तेंदुलकर ने 25 टेस्ट मैचों में भारत की अगुवाई की जिसमें से चार में जीत मिली जबकि नौ में हार। इसमें ऑस्ट्रेलिया से 1999 में 0-3 और इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से घरेलू सरजमीं पर मिली 0-2 की हार भी शामिल है। तेंदुलकर को जब 1999 में दूसरी बार कप्तान बनाया गया था तो कपिल टीम के कोच थे। देश के एकमात्र विश्व कप विजेता कप्तान ने इसके साथ ही कहा कि वह भी टीम की अगुवाई करने के लिये काफी युवा थे और तब सुनील गावस्कर इसके लिये सही व्यक्ति थे। कपिल जब कप्तान बने थे तब उनकी उम्र 23 साल थी।


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