जापान (Japan) में एक महिला गले में खराश (Sore Throat) की शिकायत लेकर डॉक्टरों के पास गई, तो वह शायद एक आम सर्दी के लिए कुछ दवा की उम्मीद कर रही थी. इसके बजाय, डॉक्टरों ने उसके टॉन्सिल में एक जीवित कीड़ा (Live Worm In Tonsils) पाया. द अमेरिकन सोसाइटी ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हाइजीन में प्रकाशित एक केस स्टडी के अनुसार, टोक्यो की 25 वर्षीय महिला ने हाल ही में जापानी राजधानी के सेंट ल्यूक इंटरनेशनल अस्पताल में शारीरिक परीक्षण किया. उसने डॉक्टरों को बताया कि उसे साशिमी खाने के बाद गले में दर्द और जलन का अनुभव हो रहा था. साशिमी, एक जापानी व्यंजन है, जिसमें ताजी कच्ची मछली का मांस होता है.
द गार्जियन के अनुसार, डॉक्टरों ने महिला के बाएं टॉन्सिल से 1.5 इंच लंबा और 1 मिमी चौड़ा कीड़ा निकाला, उसके टांसिल से चिमटी का उपयोग करके पुनर्प्राप्त किए जाने के बाद भी काला कीड़ा जीवित था. वॉर्म की पहचान डीएनए परीक्षण का उपयोग करके एक निमेटोड राउंडवॉर्म के रूप में की गई थी. ये परजीवी कीड़े कच्चे मांस खाने वाले लोगों को संक्रमित कर सकते हैं.
डॉक्टरों ने कहा कि वॉर्म एक चौथे चरण का लार्वा था. जिसका अर्थ था कि रोगी ने शायद अपने सैशमी डिश में तीसरे चरण के लार्वा के रूप में इसका सेवन किया था. सौभाग्य से, हटाने की प्रक्रिया के बाद महिला के लक्षणों में तेजी से सुधार हुआ. केस के अध्ययन के अनुसार, उसके रक्त के परिणाम भी सामान्य आए.
यह एक अलग मामला नहीं है. सीएनएन के अनुसार, परजीवी-दूषित भोजन के कारण होने वाली बीमारियों के उदाहरण उन देशों में बढ़ रहे हैं जहां अंडरकूकड मांस या समुद्री भोजन का कच्चा खाना आम है. दो साल पहले, जापान में एक आदमी भी चिकन शशिमी खाने के बाद राउंडवॉर्म परजीवी से संक्रमित हो गया था, वो भी बाद में ठीक हो गए थे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं