यह ख़बर 16 मार्च, 2011 को प्रकाशित हुई थी

जापान को चेताया गया था : विकीलीक्स

खास बातें

  • विकीलीक्स द्वारा लीक किए गए एक संदेश में कहा गया है कि जापान को दो वर्ष पहले चेतावनी दी गई थी कि उसके सुरक्षा नियम ठीक नहीं हैं।
लंदन:

विकीलीक्स  द्वारा लीक किए गए एक संदेश में कहा गया है कि जापान को दो वर्ष पहले चेतावनी दी गई थी कि उसके सुरक्षा नियम ठीक नहीं हैं और कोई तगड़ा भूकम्प उसके परमाणु विद्युत संयंत्रों के लिए गम्भीर खतरा पैदा कर देगा। आज वह चेतावनी लगभग सच साबित हो रही है, क्योंकि भयानक भूकम्प व सुनामी के बाद जापान में नाभिकीय विकिरण का खतरा पैदा हो गया है। समाचार पत्र 'द डेली टेलीग्राफ' में प्रकाशित रपट के अनुसार अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के एक अधिकारी ने दिसम्बर 2008 में कहा था कि जापान के सुरक्षा नियम ठीक नहीं हैं और तगड़ा भूकम्प परमाणु केंद्रों के लिए गम्भीर समस्या पैदा कर देगा। जापान सरकार ने उसके बाद संकल्प लिया था कि वह अपने सभी परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा बढ़ाएगी और फुकुशिमा संयंत्र में एक आपात प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित करेगी। लेकिन वहीं फुकुशिमा संयंत्र आज विकिरण की समस्या से जूझ रहा है। उसे सात तीव्रता वाले भूकम्प को बर्दाश्त करने के लिहाज से डिजाइन किया गया था। लेकिन पिछले शुक्रवार को जो भूकम्प आया, उसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर नौ थी। अखबार ने अमेरिकी दूतावास के एक संदेश के हवाले से कहा है, "उन्होंने (आईएईए के एक अधिकारी) कहा कि भूकम्पीय सुरक्षा के लिए सुरक्षा दिशानिर्देंश में पिछले 35 साल में मात्र तीन बार ही बदलाव किए गए हैं और आईएईए अब फिर से उनका परीक्षण कर रही है।"मीडिया रपट में कहा गया है कि जापान में नाभिकीय विद्युत संयंत्रों के बारे में सुरक्षा चेतावनी, 2008 में टोक्यो में हुई जी-8 के नाभिकीय सुरक्षा एवं सुरक्षा समूह की बैठक के दौरान दी गई थी। ज्ञात हो कि जापान दुनिया का एक अति भूकम्पसंवेदी देश है।   संदेश में यह बात भी जाहिर हुई है कि टोक्यो ने पश्चिमी जापान में स्थित एक नाभिकीय विद्युत संयंत्र को बंद करने के अदालत के आदेश का किस तरह और कितना विरोध किया था। अदालत के आदेश में कहा गया था कि यदि संयंत्र में किसी तरह की दुर्घटना घटती है तो ऐसी स्थिति में लोग विकिरण की चपेट में आ सकते हैं। वह संयंत्र 6.5 तीव्रता वाले भूकम्प को बर्दाश्त करने के लिहाज से निर्मित किया गया था। मार्च 2006 के एक अन्य संदेश में कहा गया है कि अदालत की चिंता से देश की नाभिकीय सुरक्षा एजेंसी सहमत नहीं थी। संदेश में कहा गया है, "जापान की नाभिकीय एवं औद्योगिक सुरक्षा एजेंसी मानती है कि रिएक्टर सुरक्षित है और सभी सुरक्षा विश्लेषण उचित तरीके से किए गए हैं।" सरकार ने 2009 में अदालत के फैसले को पलट दिया था। अब स्थिति यह है कि फुकुशिमा संयंत्र के तीन रिएक्टरों में विस्फोट हो चुके हैं, जबकि चौथे रिएक्टर में आग लग चुकी है। प्रधानमंत्री नाओतो कान ने लोगों से अपील की है कि वे संयंत्र के 20 किलोमीटर के दायरे को खाली कर दें। जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव युकियो इदानो ने कहा है कि टोक्यो से 250 किलोमीटर उत्तर में स्थित क्षतिग्रस्त नाभिकीय रिएक्टरों के चारों ओर रेडियोधर्मिता का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।


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