चेन्नई:
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और अपने फैसलों पर अडिग रहने वाली अन्नाद्रमुक प्रमुख जे जयललिता अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं का बहुत सम्मान करती हैं। यही वजह है कि कार्यकर्ताओं के आग्रह पर जयललिता ने अपनी वर्षों पुरानी आभूषण नहीं पहनने की कसम तोड़ दी है। पुराने जमाने की अदाकारा जयललिता को 1997 के बाद से पहली बार जब कानों में झुमके पहने देखा गया तो कुछ पत्रकारों ने उनसे बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में उन्हें उनकी कसम की याद दिलाई। जयललिता ने आभूषण नहीं पहनने की कसम उस समय खाई थी जब तत्कालीन द्रमुक सरकार ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच के दौरान उनके सभी आभूषण जब्त कर लिए थे। जयललिता ने कहा कि हाल में विधानसभा चुनावों की मतगणना के दौरान कई पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनसे आभूषण पहनने का अनुरोध किया और कुछ ने तो उनके द्वारा ऐसा नहीं करने पर खुदकुशी करने तक की धमकी दे दी। उन्होंने कहा, कई लोगों ने पार्टी के लिये जान दी है लेकिन मैं उन्हें इस खुशी के मौके पर मरते हुए नहीं देखना चाहती थी। इसलिए, मैंने अपना मन बदल लिया।
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