भारत ने इस साल भ्रष्टाचार के निपटारे में कुछ तेजी दिखाई है, जिसकी बदौलत 175 देशों के बीच उसका स्थान पिछले साल के 94वें से सुधरकर 85वें पर आया है।
भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया (टीआईआई) ने बुधवार को बताया कि डेनमार्क 92 अंक हासिल कर 2014 में सबसे कम भ्रष्ट देश के तौर पर शीर्ष पर रहा, तो उत्तर कोरिया और सोमालिया महज आठ अंक बटोर कर अंतिम जगह पर रहा।
भारत के पड़ोसी देशों में चीन पिछले साल के 80वें स्थान से इस बार 100 वें स्थान पर खिसक गया। पाकिस्तान और नेपाल को 126वां स्थान मिला। बांग्लादेश 145वें पर और भूटान 30वें स्थान पर रहा। श्रीलंका, भारत के साथ 85वें पायदान पर रहा, तो अफगानिस्तान ने 172वां स्थान हासिल किया।
टीआईआई की भ्रष्टाचार धारणा सूची (सीपीआई) रिपोर्ट के मुताबिक, सीपीआई ने भारत को उसके 2013 के स्कोर में दो अंकों का इजाफा किया, जिससे 2013 में 94वें स्थान से चढ़कर 2014 में 85वें स्थान पर आने में मदद मिली। पिछले साल 36 की तुलना में भारत को 38 अंक मिला।
सीपीआई में भारत के पायदान में सुधार मुख्य रूप से दो आंकड़ा स्रोतों - वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (डब्लूईएफ) और वर्ल्ड जस्टिस प्रोजेक्ट (डब्लूजेपी) की सूची पर आधारित रहा।
रिपोर्ट में कहा गया है, डब्लूईएफ के अंकों में सुधार दिखाता है कि भारत में कारोबार को लेकर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की धारणा में सुधार हुआ है। डब्लूजेपी अंक भी दिखाता है कि भारत में सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार की धारणा कमजोर हुई है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं