- यूट्यूबर अनंत मित्तल को चीन के एयरपोर्ट पर अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा बताने पर 15 घंटे हिरासत में रखा
- हिरासत के दौरान अनंत मित्तल से उनके गैजेट जब्त किए गए और भारतीय दूतावास से संपर्क करने की अनुमति नहीं दी गई
- मित्तल का कहना है कि उन्हें करीब कई घंटे तक खाना पानी नहीं मिला और मानसिक रूप से तनावपूर्ण स्थिति झेलनी पड़ी
ट्रैवलर व्लॉगर ने सिर्फ दुनिया घूमते हैं बल्कि वो अपनी दिलचस्प यात्राओं के साथ अलग-अलग देश के बारे में जानने का हमें भी मौका देते हैं वो भी घर बैठे बिठाएं. यकीनन यात्रा कहानियों में रोमांच और नए शहरों की खुशबू होती है. लेकिन कभी-कभी एक वाक्य एक स्टैंड पूरी यात्रा को बुरे अनुभव में तब्दील कर देत है. दिल्ली से निकले एक व्लॉगर के साथ चीन में ठीक ऐसा ही हुआ, जिसे शायद वो कभी ही भूल पाए. ये सब तब हुआ जब उनकी अरुणाचल पर कही बात ने इमिग्रेशन के ‘रूटीन प्रोसेस' को देखते-देखते लंबी हिरासत में बदल दिया.
चीन की भारतीय के साथ बदसलूकी
दिल्ली के रहने वाले यूट्यूबर अनंत मित्तल (On Road Indian चैनल) को 16 नवंबर 2025 को चीन के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लगभग 15 घंटे हिरासत में रखा गया. दरअसल उन्होंने अपने कंटेंट में अरुणाचल को भारत का हिस्सा बताया था, जो ऐसा सच है जिसको साबित करने की कोई जरूरत नहीं. लेकिन चीन है कि मानता ही नहीं, नतीजन उनके साथ चीन में एयरपोर्ट पर बेहद बुरा बर्ताव किया गया. मित्तल का दावा है कि उन्हें पूछताछ के दौरान खाना-पानी नहीं दिया गया, उनके गैजेट और डिवाइस जब्त कर लिए गए और भारतीय दूतावास से संपर्क की अनुमति नहीं दी गई.
इमिग्रेशन काउंटर पर शुरू हुई परेशानी
अनंत मित्तल के मुताबिक, चीन पहुंचने पर इमिग्रेशन काउंटर पर सबकुछ सामान्य रहा. रूटीन सवाल, पासपोर्ट चेक, और स्टिकर भी लग गया, लेकिन स्टाम्पिंग से ठीक पहले ही उन्हें रोक लिया गया. कुछ देर बाद एक सीनियर अधिकारी बुलाया गया और मित्तल को डिटेंशन एरिया में ले जाया गया, जहां उन्होंने कई अन्य यात्रियों को भी देखा. एक व्यक्ति कोरिया से और आठ–दस बांग्लादेशी ट्रैवलर्स भी थे. मित्तल के अनुसार, पहले दो घंटे तक कोई जानकारी नहीं दी गई. उन्होंने सोचा कि शायद अतिरिक्त क्लैरिफिकेशन चाहिए होगा, क्योंकि हाल के दिनों में इमिग्रेशन चेक्स कड़े हुए हैं.
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पूछताछ, बैग चेक और डिवाइस जब्ती
करीब दो घंटे बाद अधिकारियों ने उन्हें एक अलग कमरे में ले जाकर पूछताछ शुरू की. इसी दौरान बैग खोला गया, सामान की जांच हुई. मित्तल के मुताबिक, iPad छोड़कर उनके बाकी डिवाइस अधिकारियों ने अपने पास रख लिए. इसी क्रम में अधिकारियों ने उनसे उनके कंटेंट और चैनल को लेकर सवाल किए. यहीं उन्हें ये भी अहसास हुआ कि अरुणाचल पर दिया गया उनका स्टैंड इस पूरी प्रक्रिया का मूल कारण बन चुका है.
खाना-पानी तक नहीं दिया, कांसुलर संपर्क की इजाजत नहीं
मित्तल का कहना है कि हिरासत के दौरान उन्हें खाना तक भी नहीं दिया गया, और पानी सिर्फ एक बार मिला वो भी कई घंटों के लंबे इंतजार के बाद. उनका दावा है कि वे करीब 28 घंटे बिना भोजन के रहे. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें फोन इस्तेमाल करने नहीं दिया गया और भारतीय दूतावास से संपर्क की इजाजत भी नहीं मिली. मित्तल के मुताबिक, उनके बार-बार अनुरोध के बावजूद जरूरी सुविधाएं तक नहीं दी गईं. यह स्थिति उनके लिए मानसिक रूप से बेहद तनावपूर्ण रही.
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15 घंटे बाद ‘प्रक्रिया पूरी', भारत लौटाया गया
करीब 15 घंटे बाद अधिकारियों ने बताया कि उनकी प्रोसेसिंग पूरी हो गई है और उन्हें भारत वापस जाना होगा. मित्तल ने बाद में एक विस्तृत वीडियो जारी कर अपना अनुभव साझा किया. उम्मीद जताते हुए कि यह संदेश भारतीय और चीनी दूतावासों तक पहुंचे.
भारतीय महिला के साथ भी चीन में बुरा बर्ताव
मित्तल ने जिस महिला का जिक्र किया, वे Pem Wang Thongdok हैं, जो यूके में रहती हैं. उनका आरोप है कि नवंबर 2025 में शंघाई पुडोंग इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उन्हें करीब 18 घंटे इमिग्रेशन अधिकारियों ने रोके रखा. रिपोर्टों के अनुसार, चीनी अधिकारियों ने उनके भारतीय पासपोर्ट को अमान्य बताया क्योंकि उनके पासपोर्ट पर जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश दर्ज है. थोंगडोक ने भी वीडियो के ज़रिए अपना अनुभव साझा किया था, जिसमें उन्होंने अरुणाचल को लेकर चीनी रवैये पर सवाल उठाए थे.
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