
इस समय यूक्रेन के कई शहरों की स्थिति बेहद खराब है.रूस के हमले के बाद से कई भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए हैं. सरकार यूक्रेन से भारतीयों को निकालने की कोशिश कर रही है. भारत सरकार ऑपरेशन गंगा अभियान के तहत वहां फंसे अपने नागरिकों को निकालने में जुटी है. सरकार के कई मंत्री इस मुहिम में लगे हुए हैं. इस बीच एक भारतीय डॉक्टर गिरिकुमार पाटिल ने अपने पालतू जगुआर और तेंदुए के बिना उड़ान में सवार होने से इनकार कर दिया. पाटिल अपने पालतू जानवरों के साथ वापसी चाहते हैं.
डॉ पाटिल आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के तनुकू गांव निवासी हैं. वर्तमान में यूक्रेन के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आर्थिक शहर डोनबास के सेवेरोडनेत्स्क शहर में अपने घर के नीचे बने बंकर में रह रहे हैं. यूक्रेन में उनके साथ उनके तीन पालतू कुत्ते, एक जगुआर और एक तेंदुआ भी है. जानकारी के मुताबिक, इस शहर को रूसी सेना ने घेर रखा है और लगातार बमबारी हो रही है. इसके बाद भी डॉ पाटिल अपने पालतू जानवरों के बिना यूक्रेन नहीं छोड़ना चाहते.
डॉ पाटिल ने कहा, "मैं अपनी जान बचाने के लिए अपने पालतू जानवरों को कभी नहीं छोड़ूंगा. बेशक, मेरा परिवार मुझे वापस लौटने की अपील कर रहा है, लेकिन मेरे पालतू जानवर मेरे बच्चों की तरह हैं. मैं उनके साथ रहूंगा और अपनी आखिरी सांस तक उनकी रक्षा करूंगा." उन्होंने कहा, "मेरी घर के आसपास लगातार बमबारी हो रही है. इससे मेरे पालतू जानवर डरे हुए हैं। वो खाना भी कम खा रहे हैं। मैं उन्हें नहीं छोड़ सकता."
आंध्र प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष चंद्रबाबू नायडू ने वीडियो कॉल के जरिए डॉ पाटिल से बात की और कहा कि जानवरों को वहीं छोड़ दिया जाए, मगर डॉ पाटिल अपने जानवरों को छोड़ने से मना कर रहे हैं. डॉ पाटिल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत सरकार उन्हें अपने पालतू जानवरों के साथ लौटने की अनुमति देगी.
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