इस रेस में भी खरगोश हार गया
नई दिल्ली:
बचपन से हम लोग एक कहानी सुनते है आए हैं कि एक खरगोश और कछुए के बीच दौड़ में जीतने की शर्त लगती है. खरगोश को अपनी दौड़ने की क्षमता पर काफी घमंड होता है उसे पता होता है कि वह कछुए को कुछ सेकेंडों में ही हरा देगा. कछुए को भी यह सारी बातें पता होती हैं. लेकिन वह हार नहीं मानता है. थोड़ी देर बाद दोनों में दौड़ शुरू होती है और खरगोश पहले ही कदम से कछुए से काफी दूरी बना लेता है. जब खरगोश पीछे मुड़कर देखता है तो कछुआ नजर भी नहीं आता है.
खरगोश को लगता है कि अभी तो कछुआ काफी पीछे है थोड़ी देर आराम कर लेते हैं और वह सुस्ताने लगता है लेकिन उसको नींद आ जाती है. उसको पता ही नहीं चलता है कि कछुआ कब आगे निकल चुका है. जब उसकी नींद खुलती है तो वह बेतहाशा भागता है लेकिन कछुआ तय जगह पर पहले से ही मौजूद होता है. खरगोश को अपनी भूल का अहसास होता है. इस कहानी का उद्देश्य यह है कि किसी को भी अपनी ताकत पर घमंड नहीं करना चाहिए और कछुए से प्रेरणा मिलती है कि हमें अपना काम पूरी मेहनत और शिद्दत से करना चाहिए, सफलता जरूर मिलती है.
लेकिन रियल लाइफ में भी कछुआ अगर किसी खरगोश को हरा देते तो विश्वास करना मुश्किल है लेकिन ऐसा हुआ है और इस घटना को देखने के लिए वहां कई लोग मौजूद थे. आप इस नजारे का वीडियो खुद ही नीचे देख सकते हैं.
खरगोश को लगता है कि अभी तो कछुआ काफी पीछे है थोड़ी देर आराम कर लेते हैं और वह सुस्ताने लगता है लेकिन उसको नींद आ जाती है. उसको पता ही नहीं चलता है कि कछुआ कब आगे निकल चुका है. जब उसकी नींद खुलती है तो वह बेतहाशा भागता है लेकिन कछुआ तय जगह पर पहले से ही मौजूद होता है. खरगोश को अपनी भूल का अहसास होता है. इस कहानी का उद्देश्य यह है कि किसी को भी अपनी ताकत पर घमंड नहीं करना चाहिए और कछुए से प्रेरणा मिलती है कि हमें अपना काम पूरी मेहनत और शिद्दत से करना चाहिए, सफलता जरूर मिलती है.
लेकिन रियल लाइफ में भी कछुआ अगर किसी खरगोश को हरा देते तो विश्वास करना मुश्किल है लेकिन ऐसा हुआ है और इस घटना को देखने के लिए वहां कई लोग मौजूद थे. आप इस नजारे का वीडियो खुद ही नीचे देख सकते हैं.
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