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This Article is From Jun 01, 2024

महज 90 हजार रुपये में इंडियन फैमिली ने की स्विट्जरलैंड के 25 शहरों की सैर, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तरकीब

एक शख्स ने एक्स पर अपने पोस्ट में दावा किया है कि उसके चार मेंबर्स वाले परिवार ने महज 90 हजार रुपए में स्विट्जरलैंड का दौरा किया. उसने लिखा कि परिवार ने 11 दिनों तक स्विट्जरलैंड के 25 शहरों में छुट्टियां मनाईं.

महज 90 हजार रुपये में इंडियन फैमिली ने की स्विट्जरलैंड के 25 शहरों की सैर, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तरकीब
90 हजार में परिवार ने की स्विट्जरलैंड के 25 शहरों की सैर

क्या आपको यकीन हो पाएगा कि एक भारतीय शख्स ने महज 90 हजार रुपए खर्च कर चार लोगों के अपने परिवार सहित स्विट्जरलैंड (Switzerland) के 25 शहरों में 11 दिनों तक जमकर सैर सपाटा किया. दरअसल, एक शख्स ने एक्स पर अपने पोस्ट में दावा किया है कि उसके चार मेंबर्स वाले परिवार ने महज 90 हजार रुपए में स्विट्जरलैंड का दौरा किया. उसने लिखा कि परिवार ने 11 दिनों तक स्विट्जरलैंड के 25 शहरों में छुट्टियां मनाईं.

एक्स पर पोस्ट का पूरा थ्रेड वायरल

एक्स पर पोस्ट का पूरा थ्रेड वायरल हो गया है. माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर इसे करीब 4 मिलियन बार देखा जा चुका है. दो बच्चों के पिता मेहुल शाह ने कहा कि उन्हें 15 दिनों के लिए 45-45 हजार रुपए में स्विस यात्रा के दो पास मिले थे. इसके साथ ही उन्हें एक फैमिली कार्ड मुफ्त मिला, जिससे 16 साल से कम उम्र के बच्चों को मुफ्त यात्रा की सुविधा मिली.

10 से अधिक पैनोरमिक ट्रेनों को भी कवर करता है स्विस पास

शाह ने लिखा कि उन्होंने तीन दिनों के लिए लॉज़ेन को अपने आधार शहर के रूप में चुना. दूसरे दिन, वह गस्ताद गए, जो "मशहूर हस्तियों के लिए एक शहर और ज़्विसिमेन और सानेन शहरों के साथ-साथ" एक रिसॉर्ट शहर था. फिर उन्होंने एक टिप साझा की: “आप मॉन्ट्रो से पैनोरमिक गोल्डनपास ट्रेन में सवार हो सकते हैं जिसका रास्ता बेहद खूबसूरत है. वहां आपको बिना रिजर्वेशन के भी आसानी से सीट मिल जाएगी. इसलिए स्विस पास 10 से अधिक पैनोरमिक ट्रेनों को भी कवर करता है.

"रेस्ट डे" की प्लानिंग और लॉज़ेन में ओलंपिक म्यूजियम

तीसरे दिन, उन्होंने "रेस्ट डे" की प्लानिंग की और लॉज़ेन में ओलंपिक म्यूजियम गए. परिवार ने 2.5 घंटे की क्रूज़ भी ली, जो स्विस पास के साथ मुफ़्त है. वे इससे "मॉन्ट्रेक्स के झील और जिनेवा झील के किनारे वेवे शहर के साथ चले." चौथे दिन, परिवार ने अपना ठिकाना बदलकर मिएरेन्गेन कर लिया. वहां कोई भी "इंटरलेकन या ल्यूसर्न जैसे मुख्य टूरिस्ट प्लेस से लगभग एक तिहाई कीमतों पर सुविधाएं हासिल कर सकता है." उसी दिन, परिवार ब्रिएन्ज़ झील से इंटरलेकन तक एक और नाव यात्रा पर गया. ये फैसिलिटी भी स्विस पास के साथ फ्री थी.

सामान मूव करने में भी कम खर्च की जरूरी टिप

इसके आगे शाह ने एक और टिप शेयर की. उन्होंने लिखा, "एसबीबी के पास एक शहर से दूसरे शहर में प्रति सामान 12 सीएचएफ पर सामान मूव करने की एक अनूठी सर्विस है. हालांकि यह महंगा है, मैं इसे ऐसे इस्तेमाल करने की सलाह दूंगा जैसे कि हम अपनी रोजाना की लागत का विश्लेषण करते हैं, जो एक होटल से चेकआउट करते समय, शहर बदलने और दूसरे होटल में चेक इन करते समय बर्बाद हो जाती है. यहां हम आपको इंटरसिटी टूर के दौरान हाथ फ्री रखने की सलाह देंगे ताकि आप कई जगहों पर जा सकें. "

यहां देखें वायरल थ्रेड :

इंटरलेकन-लॉटरब्रुन्नन-वेंगेन तक की दोतरफा यात्रा

इसके बाद भारतीय परिवार ने वहां " कम पर्यटक लेकिन अधिक सुंदर पहाड़ मैनलिचेन" को चुना. शाह ने लिखा, “इंटरलेकन-लॉटरब्रुन्नन-वेंगेन तक की यात्रा कॉगव्हील ट्रेन स्विस पास से कवर होती है, हमने वेंगेन से मैनलिचेन तक केबल कार ली और फिर मैनलिचेन से ग्रिंडेलवाल्ड तक गोंडोला लिया और आज ही इसे समर 2024 के लिए खोला गया है. हमारे 4 लोगों के परिवार की दोतरफा यात्रा के लिए महज सात हजार रुपए कुल लागत आई."

आप क्लॉक टावरों को मिस नहीं कर सकते

मेहुल शाह और परिवार ने अपनी यात्रा के छठे दिन बर्न के लिए ट्रेन ली. उन्होंने बताया, “आप क्लॉक टावरों को मिस नहीं कर सकते. यहां दो मुख्य शॉपिंग सड़कें ओल्ड टाउन के बीच में हैं. यूनेस्को विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल छह किलोमीटर लंबे आर्केड से सजा हुआ है जो सैलानियों को एक विशेष प्रकार के खरीदारी अनुभव का आनंद लेने के लिए आमंत्रित करता है. आपको शहर में ट्रामें चलती हुई मिलेंगी जो स्विस पास के साथ फिर से फ्री हैं.”

विट्ज़नाउ से रिगी स्टाफेलहोहे तक यूरोप की पहली पर्वतीय रेलवे

एक्स यूजर @mehulshaca ने आगे लिखा, “यह एक छिपे हुए रत्न की तरह है जिसे मैं शेयर करने जा रहा हूं! " शाह ने अपने थ्रेड में आगे कहा, “21 मई, 1871 को, यूरोप की पहली पर्वतीय रेलवे विट्ज़नाउ से रिगी स्टाफेलहोहे तक अपनी पहली चढ़ाई पर रवाना हुई. माउंट रिगी के इतिहास में यह एक मील का पत्थर है. आज, माउंट रिगी और इसके कॉगव्हील रेलवे खुद को एक अद्वितीय पर्वतीय रेलवे के रूप में पेश करते हैं. यह सब एक पैसा भी एक्सट्रा के बिना स्विस पास में शामिल है.

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