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जब बहन की विदाई के दिन ग़ायब हो गए थे शुभांशु, परिवार को भी नहीं था पता, NDTV से खास बातचीत में बहन ने खोला राज

अंतरिक्ष में उड़ान भरने को तैयार लखनऊ के शुभांशु शुक्ला आज देशभर में चर्चा का विषय बने हुए हैं, लेकिन उनके संघर्ष और समर्पण की एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो खुद उनके माता-पिता को भी अब तक नहीं पता थी. ये कहानी तब की है जब साल 2001 में शुभांशु की बहन शुचि की शादी हो रही थी.

अंतरिक्ष में उड़ान भरने को तैयार लखनऊ के शुभांशु शुक्ला के परिवार ने NDTV से ख़ास बातचीत की है. इस बातचीत में उनकी बहन ने शुभांशु के डेडिकेशन की एक ऐसी कहानी बताई, जो शुभांशु के माता-पिता को भी पता नहीं थी. दरअसल, बात 2001 की है जब शुभांशु की बहन शुचि की शादी थी. उन्होंने अपनी बहनों को बताया कि विदाई के वक़्त वो कहां ग़ायब थे. आज एनडीटीवी से बातचीत में उनकी बहन गुंजन ने जब ये वाक्या बताया, तो उनके माता-पिता भी हैरान रह गए. पढ़ें पूरी खबर.

बहन की विदाई छोड़ कहां गायब थे शुभांशु (Shubhanshu Shukla inspirational story)

अंतरिक्ष में उड़ान भरने को तैयार लखनऊ के शुभांशु शुक्ला आज देशभर में चर्चा का विषय बने हुए हैं, लेकिन उनके संघर्ष और समर्पण की एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो खुद उनके माता-पिता को भी अब तक नहीं पता थी. ये कहानी तब की है जब साल 2001 में शुभांशु की बहन शुचि की शादी हो रही थी. शादी के दिन विदाई की सुबह अचानक शुभांशु घर से गायब हो गए. घरवालों में हड़कंप मच गया, सभी उन्हें ढूंढने में जुट गए, लेकिन कहीं कोई पता नहीं चला. शादी का माहौल तनाव में बदल गया था, तभी कुछ घंटों बाद शुभांशु तेज़ रफ्तार में साइकिल चलाते हुए घर पहुंचे. सबने राहत की सांस ली. विदाई पूरी होने के बाद वे बिना कुछ कहे घर के कामों में लग गए.

परिवार के सामने सालों बाद खुला राज़ (Shubhanshu Shukla astronaut news)

किसी को नहीं पता था कि वो सुबह कहां गए थे, लेकिन कुछ दिन बाद शुभांशु ने अपने परिवार को बताया कि उनका सिलेक्शन NDA (नेशनल डिफेंस एकेडमी) में हो गया है. इस खबर से पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. तब उन्होंने अपनी बहनों को बताया कि जिस वक्त सब उन्हें खोज रहे थे, वो एनडीए की परीक्षा देने गए थे और उन्होंने परीक्षा में सफलता हासिल की थी.

इस इमोशनल किस्से का खुलासा तब हुआ जब NDTV से खास बातचीत में शुभांशु की बहन गुंजन ने ये कहानी साझा की. इसे सुनकर शुभांशु के माता-पिता भी हैरान रह गए, क्योंकि उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं थी. शुभांशु का यह समर्पण और जुनून बताता है कि बड़े सपने देखने वालों को कितनी मेहनत और गुपचुप कुर्बानियों से गुजरना पड़ता है. आज जब वह अंतरिक्ष में उड़ान भरने जा रहे हैं, तो उनके इस पुराने संघर्ष और समर्पण की कहानी हर किसी के दिल को छू रही है.

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