
- TCS अपने वैश्विक कार्यबल के लगभग दो प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करेगी, यह संख्या 12 हजार के अधिक है.
- TCS ने छंटनी को अपनी भविष्य की रणनीति का हिस्सा बताया है, जिसमें AI और नई तकनीकों में निवेश पर जोर दिया गया है
- कर्नाटक श्रम मंत्रालय ने TCS से छंटनी के कारणों की जानकारी मांगी है.
TCS layoffs: भारत की सबसे बड़ी IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) इस साल अपने वैश्विक कार्यबल के लगभग दो प्रतिशत या 12,261 कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है, जिनमें से ज्यादातर मध्यम और वरिष्ठ स्तर के होंगे. टीसीएस में छंटनी की खबर बीते कुछ दिनों से चर्चा में है. इस खबर के सामने आने के बाद से आईटी सेक्टर में काम करने लोगों में जॉब जाने का दहशत है. इस बीच कर्नाटक के श्रम मंत्रालय ने इन छंटनी का कारण कंपनी से पूछा है. श्रम मंत्रालय ने कंपनी को जवाब के साथ पूरा जानकारी मांगी है.
उल्लेखनीय हो कि टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 30 जून, 2025 तक 6,13,069 थी. हाल ही में समाप्त अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी ने अपने कर्मचारियों की संख्या में 5,000 की वृद्धि की.
छंटनी के बारे में टीसीएस ने क्या कुछ कहा
टीसीएस ने एक बयान में कहा कि यह कदम कंपनी की भविष्य के लिए तैयार संगठन बनने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है. इसके तहत नई तकनीक के क्षेत्रों में निवेश, नए बाजारों में प्रवेश, ग्राहकों और स्वयं के लिए बड़े पैमाने पर एआई का उपयोग, साझेदारियों को मजबूत करना, अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे का निर्माण और अपने कार्यबल मॉडल को पुनर्गठित करने पर ध्यान दिया जाएगा.
कंपनी ने कहा, ''इस यात्रा के एक भाग के रूप में, हम संगठन से उन सहयोगियों को भी हटाएंगे जिनकी तैनाती संभव नहीं हो सकती है. इसका प्रभाव हमारे वैश्विक कार्यबल के लगभग दो प्रतिशत पर पड़ेगा. इसमें मुख्य रूप से मध्यम और वरिष्ठ श्रेणी के अधिकारी होंगे.'' टीसीएस प्रभावित कर्मचारियों को उचित लाभ, क्षतिपूर्ति, परामर्श और सहायता देगी.
कर्नाटक के श्रम मंत्री ने मांगी जानकारी
इस बीच कर्नाटक के श्रम मंत्री संतोष लाड ने गुरुवार को कहा कि उनके विभाग ने टाटा समूह की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) से बड़े पैमाने पर छंटनी के पीछे का कारण बताने को कहा है. मंत्री ने कहा, “कल हमें जानकारी मिली कि टीसीएस 12,000 कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है. है. हमारे विभाग ने कारण जानने के लिए टीसीएस अधिकारियों को बुलाया है.”
उन्होंने कहा कि सनराइज इंडस्ट्रीज को श्रम कानूनों से छूट दी गई है, लेकिन कुछ शर्तें भी जुड़ी हैं. लाड ने कहा, “हमने सनराइज इंडस्ट्रीज को श्रम कानूनों के दायरे से बाहर रखा है और पिछले पांच साल से हम उन्हें साल-दर-साल छूट दे रहे हैं, फिर भी कुछ शर्तें जुड़ी हैं.”
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) द्वारा इस साल अपने वैश्विक कार्यबल के लगभग दो प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी किए जाने की खबर पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को कहा था कि इस घोषणा ने एक 'आर्थिक भूकंप' ला दिया है और उम्मीद जताई कि यह एक अस्थायी झटका है.
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा,'भारत का गौरव टीसीएस ने अपने शीर्ष प्रबंधन में दो प्रतिशत की छंटनी की घोषणा करके एक आर्थिक भूकंप ला दिया है.' उन्होंने कहा, 'इसका कारण 'कौशल असंतुलन' बताया गया है. इसका जो भी अर्थ हो, यह खबर चिंताजनक है और देश केवल यही आशा कर सकता है कि कि यह एक अपवाद बने, न कि कोई चलन.'
कांग्रेस नेता ने कहा कि “अगर वे किसी को नौकरी से निकालना चाहते हैं, तो उन्हें हमें जानकारी देनी होगी. हम उनसे इसी आधार पर बात कर रहे हैं.” टीसीएस ने संकेत दिया था कि वह इस साल अपने वैश्विक कार्यबल के लगभग दो प्रतिशत या 12,261 कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है, जिनमें से अधिकांश मध्यम और वरिष्ठ वर्ग के होंगे.
एक बयान में, संघ ने कहा कि उसने औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है, साथ ही सेवा विवरणों की रिपोर्टिंग के संबंध में कर्नाटक सरकार द्वारा लगाई गई शर्तों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है.
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