
बात 40 साल पुरानी है. एक लड़की ने सनी देओल की फिल्म के लिए ऑडिशन दिया लेकिन सिलेक्ट नहीं हुई. धर्मेंद्र की फिल्म के लिए ऑडिशन दिया कामयाबी नहीं मिली. फिर 1985 में अपने दम पर ही फिल्म को हिट करवा दिया. ये लड़की कोई और नहीं बॉलीवुड एक्ट्रेस मंदाकिनी है. मंदाकिनी का असली नाम यास्मीन जोसेफ है. 1980 के दशक में बॉलीवुड की एक ऐसी अभिनेत्री थीं, जिन्होंने अपनी खूबसूरती और अभिनय से लाखों दिलों पर राज किया. 30 जुलाई 1963 को मेरठ में एंग्लो-इंडियन परिवार में जन्मी मंदाकिनी ने 1985 में राज कपूर की फिल्म राम तेरी गंगा मैली से अपने करियर की शुरुआत की. यह फिल्म न केवल ब्लॉकबस्टर रही, बल्कि मंदाकिनी को रातोंरात स्टार बना दिया. इस फिल्म ने उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस के लिए फिल्मफेयर नामांकन भी दिलाया. हालांकि फिल्म के कई सीन्स की वजह से जमकर हंगामा भी मचा था.
राम तेरी गंगा मैली ने बनाया स्टार
मंदाकिनी ने राम तेरी गंगा मैली से पहले मजलूम फिल्म साइन की थी, जहां निर्माता रंजीत विर्क ने उन्हें 'माधुरी' नाम दिया था. हालांकि, राज कपूर ने उन्हें 'मंदाकिनी' नाम दिया. इसके अलावा, उन्होंने 1981 में बेताब और 1983 में लावा के लिए ऑडिशन दिया, लेकिन उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया. बेताब फिल्म के हीरो सनी देओल थे जबकि लावा फिल्म में नैरेशन धर्मेंद्र का था. 1983 में फिल्म बाली उमर को सलाम में भी उनकी जगह तन्वी आजमी को ले लिया गया.

मंदाकिनी की आखिरी फिल्म
मंदाकिनी को सिंगिंग का भी जुनून था. 1986 में उन्होंने बप्पी लहिरी के साथ एक पॉप-डिस्को एल्बम 'डांसिंग सिटी' रिलीज किया, जिसमें उन्होंने गाने गाए. यह एल्बम मूल रूप से नाजिया हसन के साथ रिकॉर्ड किया गया था, लेकिन बप्पी और नाजिया के बीच विवाद के बाद मंदाकिनी को चुना गया. 1996 में जोरदार फिल्म के बाद मंदाकिनी ने बॉलीवुड को अलविदा कह दिया. मंदाकिनी को आखिरी बार कपिल शर्मा शो में देखा गया था.
मंदाकिनी की फैमिली
मंदाकिनी ने 1990 में डॉ. काग्युर टी. रिनपोशे ठाकुर से शादी की, जो एक पूर्व बौद्ध भिक्षु और मर्फी रेडियो के विज्ञापनों में बतौर चाइल्ड मॉडल मशहूर थे. इनके दो बच्चे हैंरब्बिल और रब्जे इनाया हैं. मंदाकिनी ने बौद्ध धर्म अपनाया और तिब्बती योग की कक्षाएं शुरू कीं, जबकि उनके पति एक तिब्बती हर्बल सेंटर चलाते हैं.
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