
नई दिल्ली:
अनेक अवसरों पर हाथों में बड़े शौक से लगाई जाने वाली मेंहदी अपने रंग के साथ साथ दुष्प्रभाव भी छोड़ सकती है। डॉक्टरों ने त्योहारों के मौसम में बाजारों में लगाई जाने वाली मेंहदी से महिलाओं को सावधान किया है। इनमें कई तरह के रसायन होते हैं जो त्वचा संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
सर गंगाराम अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. रोहित बत्रा का कहना है "इन दिनों हर रोज 8-10 मरीज हाथों में मेंहदी लगाने से हुए गंभीर दुष्प्रभावों की वजह से अस्पताल पहुंच रहे हैं। शादी और त्योहारों की वजह से इन दिनों मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ी है। सामान्य दिनों में एक से दो लोग ही महीने में इस तरह की समस्या लेकर आते हैं।"
मेंहदी के रंग को गहरा करने के लिए इसमें खतरनाक रसायन मिलाए जाते हैं। इससे त्वचा में जलन, सूजन, खुजली और खरोंच के निशान बन जाने का खतरा होता है। डॉक्टर बत्रा ने महिलाओं और लड़कियों को बाजारू मेंहदी का उपयोग न करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि इस तरह के कोई भी लक्षण सामने आने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें वरना देर होने से एलर्जी पूरे शरीर में फैल सकती है।
गुड़गांव के स्किन एन्ड स्माइल क्लीनिक के त्चचा रोग विशेषज्ञ सचिन धवन का कहना है "मेहंदी से होने वाले त्वचा रोग के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है। महिलाओं को बाजार की मेंहदी के उपयोग से बचना चाहिए और प्राकृतिक मेंहदी प्रयोग करनी चाहिए। रासायनों से तैयार मेहंदी त्वचा पर स्थायी निशान छोड़ जाती है। इससे कैंसर का खतरा हो सकता है।"
सर गंगाराम अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. रोहित बत्रा का कहना है "इन दिनों हर रोज 8-10 मरीज हाथों में मेंहदी लगाने से हुए गंभीर दुष्प्रभावों की वजह से अस्पताल पहुंच रहे हैं। शादी और त्योहारों की वजह से इन दिनों मरीजों की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ी है। सामान्य दिनों में एक से दो लोग ही महीने में इस तरह की समस्या लेकर आते हैं।"
मेंहदी के रंग को गहरा करने के लिए इसमें खतरनाक रसायन मिलाए जाते हैं। इससे त्वचा में जलन, सूजन, खुजली और खरोंच के निशान बन जाने का खतरा होता है। डॉक्टर बत्रा ने महिलाओं और लड़कियों को बाजारू मेंहदी का उपयोग न करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि इस तरह के कोई भी लक्षण सामने आने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें वरना देर होने से एलर्जी पूरे शरीर में फैल सकती है।
गुड़गांव के स्किन एन्ड स्माइल क्लीनिक के त्चचा रोग विशेषज्ञ सचिन धवन का कहना है "मेहंदी से होने वाले त्वचा रोग के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है। महिलाओं को बाजार की मेंहदी के उपयोग से बचना चाहिए और प्राकृतिक मेंहदी प्रयोग करनी चाहिए। रासायनों से तैयार मेहंदी त्वचा पर स्थायी निशान छोड़ जाती है। इससे कैंसर का खतरा हो सकता है।"