भारत के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) गुरुवार को एक ट्विटर पोस्ट से खुश नहीं थे, जहां एमएस धोनी (MS Dhoni) के उस छक्के को दर्शाया था, जिसके बाद टीम इंडिया 2011 वर्ल्ड कप (World Cup 2011) जीता था. भारतीय प्रशंसकों के लिए, 2 अप्रैल, 2011 यादगार तारीख होगी, क्योंकि इस दिन भारतीय क्रिकेट टीम ने अपना दूसरा एकदिवसीय विश्व कप जीता था. मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में, धोनी की अगुवाई वाले भारत ने फाइनल में श्रीलंका को छह विकेट से हराकर पूरे देश को जश्न मनाने का मौका दिया था.
गुरुवार की सुबह, उस रात को याद करते हुए कई पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा किए गए, लेकिन एक विशेष पोस्ट थी जिसको देखकर गौतम गंभीर गुस्सा गए. उन्होंने फिर बताने की कोशिश की कि वर्ल्ड कप जिताने में पूरी इंडिया का हाथ था, सिर्फ एक छक्के की वजह से टीम इंडिया ने जीत हासिल नहीं की थी.
क्रिकइंफो ने गुरुवार की सुबह धोनी के वर्ल्ड कप फाइनल के छक्के की फोटो पोस्ट कर लिखा, ''2011 में आज के दिन वो शॉट जिसने मिलियन लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला दी.'' गंभीर इस तथ्य से प्रभावित नहीं थे कि भारत की विश्व कप जीत के लिए केवल धोनी को हाइलाइट किया गया.
Just a reminder @ESPNcricinfo: #worldcup2011 was won by entire India, entire Indian team & all support staff. High time you hit your obsession for a SIX. pic.twitter.com/WPRPQdfJrV
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) April 2, 2020
इस ट्वीट को रि-ट्वीट करते हुए गौतम गंभीर ने लिखा, ''वर्ल्ड कप 2011 पूरी भारत, टीम इंडिया और सपोर्ट स्टाफ की वजह से जीता गया था. सिर्फ एक छक्के की वजह से नहीं जीता गया था.''
भारत के सामने खिताबी मुकाबले में था श्रीलंका जिसने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए छह विकेट पर 274 रन का स्कोर बनाया था. महेला जयवर्धने ने नाबाद 103 रन की शानदार पारी खेली. मतलब भारत को अगर 1983 के बाद फिर से चैंपियन बनने के लिए 275 रन बनाने थे. लेकिन यह क्या? वीरेंद्र सहवाग पारी की दूसरी गेंद पर पवेलियन लौट गए. लसिथ मलिंगा ने इसके बाद सचिन तेंदुलकर को भी आउट कर दिया. भारत का स्कोर हो जाता है दो विकेट पर 31 रन.
इस मुश्किल मौके पर गौतम गंभीर (97) ने एक छोर संभाले रखा. उन्होंने विराट कोहली (35) के साथ 15.3 ओवर में 83 रन की साझेदारी निभाई और फिर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (नाबाद 91) के साथ चौथे विकेट के लिये 19.4 ओवर में 109 रन जोड़े. भीर और धोनी की साझेदारी में भी आठ बार ही गेंद सीमा रेखा के पार गयी थी लेकिन तब भी उन्होंने 5.54 के रन रेट से रन बनाये थे.
आखिर में धोनी (MS Dhoni) का नुवान कुलशेखरा पर लगाया गया छक्का भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के जेहन में रच बस गया. इस छक्के से भारत वर्ल्डकप फाइनल में लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत दर्ज करने वाली तीसरी टीम बन गई थी.
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