गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2019) 2 सितंबर को मनाई जाएगी. दो सितंबर को लोग भगवान गणेश (Lord Ganesha) की मूर्ति घरों में स्थापित करते हैं और 10 दिन तक गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) मनाते हैं. हर साल गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस पर्व को देश भर में खास तौर से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन भक्त प्यारे बप्पा (Ganpati Bappa) की मूर्ति को घर लाकर उनका सत्कार करते हैं. फिर 10वें दिन यानी कि अनंत चतर्दशी (Ananta Chaturdashi) को विसर्जन के साथ मंगलमूर्ति भगवान गणेश को विदाई जाती है. सोशल मीडिया पर यूजर्स लोगों से इको-फ्रेडली गणेश चतुर्थी मनाने की रिक्वेस्ट कर रहे हैं. ऐसे में मंगलुरु के नितिन वज ने कागज का गूदा और बीज से गणेश प्रतिमा बनाई. जो विसर्जन के बाद पेड़ बन जाएगा.
'लैंड करा दे...' वीडियो के बाद सोशल मीडिया स्टार बना ये शख्स, बोला- 'पैराग्लाइडिंग के बाद अब मैं...'
इस प्रतिमा को सब्जियों, फलो और पेड़ों के बीज से बनाया गया है. ये प्रतिमा पानी में आसानी से घुल जाएगी. गणेश ने ANI से बात करते हुए कहा- 'प्रतिमा को पुराने अखबारों और किताबों को कुचलकर बनाया गया है. हमने जहरीले पेंट या किसी अन्य जहरीले पदार्थ का इस्तेमाल नहीं किया है. मूर्ति में सब्जी और फलो के बीज भी डाले गए हैं. पानी में घुलने के बाद ये एक पौधे में बदल जाएगा.'
क्या सलमान खान ने रानू मंडल को गिफ्ट किया 55 लाख का घर?
ट्विटर पर यूजर्स नितिन की खूब तारीफ कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा- यह वास्तव में आश्चर्यजनक है, इस छोटे कदम से हम निश्चित रूप से प्रदूषण को कम कर सकते हैं. वहीं अन्य यूजर ने लिखा- 'ओह माय गॉड! उम्मीद है ये सफल हो...'
कार ने किया बाइक को ब्लॉक तो ड्राइवर ने अंडे और टमाटर मारकर लिया ऐसा बदला, देखें VIDEO
नितिन ने कहा- 'हमने इस साल 30-40 गणेश प्रतिमाएं बनाई हैं. इस वर्ष मंगलुरु में मांग इतनी अधिक नहीं है, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले वर्षों में इसमें वृद्धि होगी.'
गणपति की स्थापना की विधि इस प्रकार है:
- आप चाहे तो बाजार से खरीदकर या अपने हाथ से बनी गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं.
- गणपति की स्थापना करने से पहले स्नान करने के बाद नए या साफ धुले हुए बिना कटे-फटे वस्त्र पहनने चाहिए.
- इसके बाद अपने माथे पर तिलक लगाएं और पूर्व दिशा की ओर मुख कर आसन पर बैठ जाएं.
- आसन कटा-फटा नहीं होना चाहिए. साथ ही पत्थर के आसन का इस्तेमाल न करें.
- इसके बाद गणेश जी की प्रतिमा को किसी लकड़ी के पटरे या गेहूं, मूंग, ज्वार के ऊपर लाल वस्त्र बिछाकर स्थापित करें.
- गणपति की प्रतिमा के दाएं-बाएं रिद्धि-सिद्धि के प्रतीक स्वरूप एक-एक सुपारी रखें.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं