
- ED ने मंगलुरु ऑटो रिक्शा ब्लास्ट केस के मुख्य आरोपी सैयद यासीन के बैंक खाते की ₹29,176 की रकम अटैच की है.
- यह ब्लास्ट 19 नवंबर 2022 को हुआ था और मामले की जांच बाद में राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी गई थी.
- जांच में पता चला कि यह आईएसआईएस से जुड़ी साजिश थी, जिसका मकसद भारत की एकता और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाना था.
प्रवर्तन निदेशालय की बेंगलुरु जोनल टीम ने मंगलुरु ऑटो रिक्शा ब्लास्ट केस में अहम कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी सैयद यासीन के बैंक खाते में मौजूद ₹29,176 की रकम को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है. यह मामला 19 नवंबर 2022 का है, जब शाम करीब 4:40 बजे मंगलुरु शहर के कंकनाडी थाना इलाके में एक ऑटो रिक्शा में ब्लास्ट हुआ था. इस घटना में ऑटो चालक के. पुरुषोत्तम ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. बाद में यह केस एनआईए को सौंप दिया गया.
क्या था आतंकी साजिश का मकसद?
जांच में सामने आया कि यह ब्लास्ट आईएसआईएस (ISIS) से जुड़ी एक बड़ी साजिश का हिस्सा था. आतंकी संगठन का मकसद भारत सरकार के खिलाफ जंग छेड़ना और देश की एकता और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाना था. मुख्य आरोपी मोहम्मद शारिक उर्फ प्रेमराज को ISIS के ऑनलाइन हैंडलर 'कर्नल' द्वारा Telegram और Wicker जैसे ऐप्स पर बम बनाने की ट्रेनिंग दी गई थी.
पैसे की हेराफेरी और क्रिप्टो से फंडिंग
ISIS हैंडलर 'कर्नल' ने इस साजिश के लिए क्रिप्टो करेंसी और फर्जी बैंक अकाउंट्स के जरिए फंडिंग की. आरोपी सैयद यासीन और मोहम्मद शारिक ने ये पैसे PoS एजेंट्स के जरिए नकद में निकाले. कुल मिलाकर ₹2,86,008 रुपये क्रिप्टो डीलर्स द्वारा फर्जी खातों में जमा किए गए. 41,680 रुपये PoS एजेंट्स के जरिए कैश में निकाले गए. इन पैसो IED बनाने का सामान खरीदा गया और मैसूरु और अन्य शहरों में छिपने के लिए जगह किराए पर लेने और तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में रैकी करने के लिए इस्तेमाल किए गए.
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ये बम धर्मस्थला मंजुनाथ स्वामी मंदिर में लगाया जाना था. लेकिन बम का टाइमर गलती से 90 मिनट की बजाय 9 सेकेंड पर सेट होने के कारण वह ऑटो में ही फट गया.
कौन-कौन है आरोपी
- मोहम्मद शारिक – मुख्य आरोपी, जिसने IED तैयार किया
- सैयद यासीन – क्रिप्टो से मिले पैसे को नकद में निकाला
- माज मुनिर – फर्जी बैंक खातों की जानकारी मोहम्मद शारिक को दी
कर्नाटक पुलिस ने Father Muller अस्पताल से मोहम्मद शारिक के बैग से ₹39,228 रुपये बरामद किए थे, जिसे बाद में एनआईए ने ज़ब्त कर लिया.
अब तक की ईडी की कार्रवाई
ईडी ने ₹29,176 रुपये की रकम को अटैच किया है, जो सैयद यासीन के बैंक अकाउंट में मिली. सभी आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. मामले की आगे की जांच जारी है.
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