गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2019) 2 सितंबर (2 September 2019) को मनाया जा रहा है. यह त्योहार पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है. श्री गणेश के जन्म का यह उत्सव गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है. गणेश चतुर्थी पर लोग गणपति बप्पा की पूजा करते हैं. देश में हर जगह गणेश पंडाल लगाए जाते हैं. माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मध्यकाल में हुआ था. हर दिन इसी दिन गणेश चतुर्थी मनाई जाती है. लोग गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए मोदक (Modak) का भोग लगाते हैं. मोदक को नारियल (Coconut) और घी (Ghee) से बनाया जाता है. मोदक भगवान गणेश का पसंदीदा माना जाता है. लेकिन इसके पीछे का कारण कुछ और भी है. आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी पर क्यो चढ़ाया जाता है मोदक...
मोदक का मतलब है आनंद (खुशी)
पुराणों में मोदक का वर्णन है. मोदक का अर्थ होता है आनंद (खुशी) और भगवान गणेश को हमेशा खुश रहने वाला माना जाता है. इसी वजह से उन्हें मोदक का भोग लगाया जाता है. मोदक को ज्ञान का प्रतीक भी माना जाता है और भगवान गणेश को ज्ञान का देवता भी माना जाता है. इसलिए भी उनको मोदक का भोग लगता है.
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भगवान गणेश का पसंदीदा है मोदक एक कथा के मुताबिक, गणेश जी और परशुराम जी के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें उनका दांत टूट गया था. दांत टूटने के कारण उनको खाने में काफी तकलीफ हो रही थी. जिसके बाद उनके लिए मोदक बनाए गए. क्योंकि मोदक काफी मुलायम होता है और मुंह में जाते ही घुल जाता है. जिसके बाद से मोदक उनका सबसे प्रिय भोजन बन गया.
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गणेश चतुर्थी कब मनाई जाती है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद यानी कि भादो माह की शुक्ल पक्ष चतुर्थी को भगवान गणेश का जन्म हुआ था. उनके जन्मदिवस को ही गणेश चतुर्थी कहा जाता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार हर साल अगस्त या सितंबर के महीने में आता है. इस बार गणेश चतुर्थी 02 सितंबर को है.
गणेश चतुर्थी की तिथि और स्थापना का शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी की तिथि: 02 सितंबर 2019
गणेश चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 02 सितंबर 2019 को सुबह 4 बजकर 57 मिनट से.
गणेश चतुर्थी तिथि समाप्त: 03 सितंबर 2019 की रात 01 बजकर 54 मिनट तक.
गणपति की स्थापना और पूजा का समय: 02 सितंबर की सुबह 11 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 36 मिनट तक.
अवधि: 2 घंटे 31 मिनट
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