प्रतीकात्मक तस्वीर
सिडनी:
दुनिया का संभवत: सबसे पसंदीदा और सबसे ज्यादा बिकने वाला फल केला एक दशक के अंदर गायब हो सकता है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, एक नए अध्ययन में कहा गया है कि केले के अस्तित्व पर यह खतरा सिगाटोका कॉम्प्लेक्स नामक बीमारी से है. यह बीमारी फंजाई से होने वाली तीन बीमारियों से बनी हुई है. इस बीमारी ने दुनिया में केले की आपूर्ति पर एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है.
अमेरिकी पादप रोग विज्ञानी आयोनिस स्टर्जियोपौलोस ने रिपोर्ट में कहा है कि सिगाटोका कॉम्प्लेक्स के फंजाई रोग -येलो सिगाटोका, पत्ती पर धब्बे और काला सिगाटोका- अगले 10 वर्षों में केले की आपूर्ति को संभवत: समाप्त कर सकते हैं. ब्लैक सिगाटोका से सबसे ज्यादा खतरा है, क्योंकि यह न सिर्फ केले की रोग प्रतिरोधक क्षमता समाप्त करने में सक्षम है, बल्कि यह ऐसे इंजाइम्स पैदा करता है जो पौधे की कोशिका दीवारों को नष्ट कर देते हैं.
गौरतलब है कि पूरी दुनिया में प्रति वर्ष 14 करोड़ टन केला पैदा होता है, और भारत दुनिया के 10 प्रमुख केला उत्पादकों में सबसे आगे है. भारत प्रति वर्ष 2.50 करोड़ टन केला पैदा करता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, एक नए अध्ययन में कहा गया है कि केले के अस्तित्व पर यह खतरा सिगाटोका कॉम्प्लेक्स नामक बीमारी से है. यह बीमारी फंजाई से होने वाली तीन बीमारियों से बनी हुई है. इस बीमारी ने दुनिया में केले की आपूर्ति पर एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है.
अमेरिकी पादप रोग विज्ञानी आयोनिस स्टर्जियोपौलोस ने रिपोर्ट में कहा है कि सिगाटोका कॉम्प्लेक्स के फंजाई रोग -येलो सिगाटोका, पत्ती पर धब्बे और काला सिगाटोका- अगले 10 वर्षों में केले की आपूर्ति को संभवत: समाप्त कर सकते हैं. ब्लैक सिगाटोका से सबसे ज्यादा खतरा है, क्योंकि यह न सिर्फ केले की रोग प्रतिरोधक क्षमता समाप्त करने में सक्षम है, बल्कि यह ऐसे इंजाइम्स पैदा करता है जो पौधे की कोशिका दीवारों को नष्ट कर देते हैं.
गौरतलब है कि पूरी दुनिया में प्रति वर्ष 14 करोड़ टन केला पैदा होता है, और भारत दुनिया के 10 प्रमुख केला उत्पादकों में सबसे आगे है. भारत प्रति वर्ष 2.50 करोड़ टन केला पैदा करता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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