कुत्तों से थी नफरत, अब रोज़ सुबह 4:30 बजे उठकर आवारा कुत्तों के लिए खाना बनाती हैं ये बुजुर्ग, जानें क्या है कहानी ?

कनक (Kanak) नाम की एक 90 वर्षीय महिला ने अपनी कहानी सुनाई कि कैसे उन्हें कुत्तों से प्यार हो गया. दरअसल, वह उन्हें पहले कभी पसंद नहीं करती थी.

कुत्तों से थी नफरत, अब रोज़ सुबह 4:30 बजे उठकर आवारा कुत्तों के लिए खाना बनाती हैं ये बुजुर्ग, जानें क्या है कहानी ?

रोज़ सुबह 4:30 बजे उठकर आवारा कुत्तों के लिए खाना बनाती हैं ये बुजुर्ग

कुत्ते इस धरती पर एक वरदान हैं और इस तथ्य को किसी प्रमाण की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, कुछ लोग कभी-कभी उनसे डरते हैं या उन्हें पसंद नहीं करते हैं. ऐसा ही इस महिला के साथ हुआ था. वह कुत्तों को बिल्कुल पसंद नहीं करती थी, लेकिन जब उसकी पोती को घर में एक पपी मिला, तो महिला का दिल बदल गया और उसे पपी से प्यार हो गया. इसके अलावा, वह उसके बाद अन्य आवारा कुत्तों की मदद करने के लिए भी प्रेरित हुई. तो आइए जानते हैं इन बुजुर्ग महिला की पूरी कहानी...

वायरल हो रहे इस वीडियो को ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे (Humans of Bombay) ने इंस्टाग्राम (Instagram) पर शेयर किया है. छोटी क्लिप में, कनक (Kanak) नाम की एक 90 वर्षीय महिला ने अपनी कहानी सुनाई कि कैसे उन्हें कुत्तों से प्यार हो गया. दरअसल, वह उन्हें पहले कभी पसंद नहीं करती थी. हालांकि, कुछ साल पहले सना नाम की उनकी पोती ने घर के लिए एक पपी (puppy) खरीदा और उसका नाम कोको रखा. और धीरे-धीरे इस कुत्ते ने कनक का दिल जीत लिया.

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 कनक ने कहा, “कुछ साल पहले, मेरी पोती, सना हमारे घर पर एक पिल्ला ले आई कोको. और ईमानदारी से कहूं तो मुझे कुत्ते कभी पसंद नहीं थे. और मैंने वास्तव में सोचा था कि कुछ भी मेरे मन को नहीं बदल सकता. लेकिन कोको ने सब कुछ बदल दिया और उसने कुछ खास नहीं किया वह बस खाता, खेलता, या इधर-उधर घूमता रहता. लेकिन इतनी सीधी-सादी चीजें करने के बाद भी वो बेहद क्यूट लग रहा था. मुझे खुद पर विश्वास नहीं हुआ जब मैंने पहली बार उसे देखते हुए कहा, 'कितना प्यारा लग रहा है'. मेरा तो कोको पे दिल आ गया था!"

फिर कनक ने बताया कि कैसे कोको उनके जीवन का एक बड़ा हिस्सा बन गया और यह अब कैसे उनके आसपास घूमता है. "और फिर, मुझे बस उसे खाना खिलाना और उसके साथ खेलना अच्छा लगने लगा. जैसे-जैसे साल बीतते गए, वह मेरे जीवन का एक बड़ा हिस्सा बन गए. मेरे दिन उसके साथ शुरू होते और उसके साथ ही खत्म. यहां तक ​​कि मेरे 90वें जन्मदिन पर भी जब मैंने केक काटा तो वह मेरे साथ था.

हालांकि, कनक का प्यार सिर्फ कोको तक ही सीमित नहीं रहा. वह दूसरी आवारा कुत्तों की भी देखभाल करने लगी, यह सब उसकी पोती के कुत्तों के प्रति प्रेम की वजह से हुआ. सना स्ट्रीट डॉग्स के लिए एक शेल्टर भी शुरू करना चाहती थीं. और, एक स्थानीय कुत्ते के मरने के बाद उन्होंने एक शुरुआत की. फिर, पीछे मुड़कर नहीं देखा. सना कुत्तों के लिए पशु चिकित्सक की व्यवस्था करती थीं और उनका टीकाकरण भी कराती थीं. हालांकि, कनक के वृद्ध होने के कारण, वह उन चीजों को नहीं देख पाई जो सना ने खुद की थीं.

इसलिए, उसने कुत्तों के लिए खाना बनाने का फैसला किया और इसे करने के लिए सुबह 4.30 बजे उठना शुरू कर दिया और बाद में कनक ने भी उन्हें खुद खिलाने की पहल की. हां, आपने उसे सही पढ़ा है. उन्होंने बताया, “रोजाना, मैं सुबह 4:30 बजे उठती और घंटों खाना बनाने में लगा देती. ऐसा दो साल तक चलता रहा. सना मुझे उनके भोजन का आनंद लेते हुए वीडियो और तस्वीरें दिखाती थी. मेरा दिल दुखी होता था और इसलिए पिछले महीने, मैंने फैसला किया कि मैं उन्हें अपने हाथों से खिलाऊंगी.'"

"अब मेरा जीवन इन कुत्तों के इर्द-गिर्द घूमता है, मेरा दिन वास्तव में उन्हीं के साथ शुरू और खत्म होता है! मेरा मतलब है, मैं आज 90 साल की हूं और जो भी करना था, सब कर लिया है. लेकिन अब, मेरे 90 के दशक में, खुद को कुछ ऐसा करते हुए देखना, जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी, यह भी एक साहसिक कार्य है?”

कहने की जरूरत नहीं है कि लोग उनके हावभाव से बहुत प्रभावित हुए और कमेंट सेक्शन में ढेरों प्यार भरे कमेंट्स भी किए.

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