शहर में रहने के बाद किसी ऐसी जगह जाकर बसना जहां बेसिक जरुरत ही ना हो, कैसा लगेगा? 22 साल की कोमल हदाला के साथ कुछ ऐसा ही हुआ. दिल्ली की कोमल की शादी गाज़ियाबाद के निठोरा गांव में हुई. वहां, जाकर उसे पता चला कि उसके ससुराल में टॉयलेट ही नहीं है. गांव के कम से कम 250 घरों में रहने वाली औरतें सुबह अंधेरे में ही खेतों में जाती हैं.
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उसने अपने पति और ससुराल के सदस्यों से इस बारे में बात की. यहां अच्छी बात ये थी कि कोमल के ससुराल वालों ने उसका साथ दिया.
Norwegian PM @erna_solberg visits #Nithora village in #Ghaziabad. Interacts with children, parents and local community on issues of gender equality, sanitation, among others.@norwayinindia @UNICEF @UNinIndia pic.twitter.com/FumTr4ka6j
— Kishor (@DwivediKishor) January 7, 2019
कोमल ने फिर पूरे गांव वालों से टॉयलेट बनवाने की बात की. सबके साथ वो सब गांव के मुखिया के पास सरकार से मदद के लिये गई.
सरकार ने उसकी और गांव वालों की बात मानी और सभी 250 घरों में टॉयलेट बनवाए. इतना ही नहीं, निठोरा गांव की कहानी UNICEF प्रोग्राम से जुड़ी और गाज़ियाबाद के इस छोटे से गांव की कहानी सुन खुद नॉर्वे की पीएम Erna Solberg ने यहां विज़िट किया.
VIDEO: एक दिन में उजड़ गया यह गांव
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