Ratan Tata Passed Away: भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) का निधन हो गया है. वो 86 वर्ष के थे. कुछ लोगों के लिए रतन टाटा उद्योगपति से ज्यादा एक अच्छे इंसान थे. उनके दोस्तों, परिवार के सदस्यों और उनसे मुलाकात कर चुके बहुत से लोगों के पास इस बात का प्रमाण देने वाले हजारों किस्से हैं. रतन टाटा को जानवरों से भी हमेशा से ही बेहद लगाव रहा. उनके निधन से देशभर के लोगों में शोक की लहर है. देश और दुनिया से लोग उनके निधन पर शोक ज़ाहिर कर रहे हैं. विभिन्न उद्योगों के दिग्गज भी सोशल मीडिया पर बिजनेस टाइकून को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने राष्ट्रीय आइकन की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "मैं रतन टाटा की अनुपस्थिति को स्वीकार करने में असमर्थ हूं." निम्नलिखित पंक्तियों में, महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरपर्सन ने बताया कि इस समय जब "भारत की अर्थव्यवस्था एक ऐतिहासिक छलांग के शिखर पर खड़ी है" तब रतन टाटा की "सदस्यता और मार्गदर्शन" कितनी अमूल्य रही होगी. महिंद्रा ने अपना एक्स पोस्ट को समाप्त करते हुए लिखा, "अलविदा और गॉडस्पीड, मिस्टर टी."
I am unable to accept the absence of Ratan Tata.
— anand mahindra (@anandmahindra) October 9, 2024
India's economy stands on the cusp of a historic leap forward.
And Ratan's life and work have had much to do with our being in this position.
Hence, his mentorship and guidance at this point in time would have been invaluable.… pic.twitter.com/ujJC2ehTTs
हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) ने रतन टाटा की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए पोस्ट किया, “घड़ी ने टिक-टिक करना बंद कर दिया है. टाइटन का निधन हो गया. #RatanTata ईमानदारी, नैतिक नेतृत्व और परोपकार की एक मिसाल थे, जिन्होंने व्यापार और उससे परे की दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी है. वह हमारी यादों में हमेशा ऊंचे स्थान पर रहेंगे. RIP.''
The clock has stopped ticking. The Titan passes away. #RatanTata was a beacon of integrity, ethical leadership and philanthropy, who has imprinted an indelible mark on the world of business and beyond. He will forever soar high in our memories. R.I.P pic.twitter.com/foYsathgmt
— Harsh Goenka (@hvgoenka) October 9, 2024
बता दें कि रतन टाटा का जन्म मुंबई में हुआ था और उनके माता-पिता के अलग होने के बाद उनकी दादी ने उनका पालन-पोषण किया. वास्तुकला और संरचनात्मक इंजीनियरिंग में डिग्री के साथ कॉर्नेल विश्वविद्यालय से स्नातक, उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में एक उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम भी पूरा किया. रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत 1962 में टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर ब्लू-कॉलर कर्मचारियों के साथ की थी. 1991 में, वह जेआरडी टाटा के बाद टाटा संस और टाटा समूह के अध्यक्ष बने.
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