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This Article is From Oct 23, 2017

शोध में दावा, डिप्रेशन के कारण महिलाओं में बढ़ जाता है मौत का खतरा

शोधकर्ताओं ने बताया कि डिप्रेशन से संबंधित मौत का खतरा उस साल में सबसे ज्यादा था जिस साल डिप्रेशन लाने वाली कोई घटना घटी हो.

शोध में दावा, डिप्रेशन के कारण महिलाओं में बढ़ जाता है मौत का खतरा
प्रतीकात्मक फोटो.
टोरंटो: महिलाओं में डिप्रेशन के कारण मौत का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया है. इस डिप्रेशन के पीछे सामाजिक भूमिकाओं में बदलाव और कई जिम्मेदारियां निभाने का दबाव है. यह निष्कर्ष एक नए शोध के बाद सामने आया है.

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इस शोध में 3,410 वयस्कों की 60 साल की मानसिक सेहत के डाटा को देखा गया. इन 60 वर्षों को तीन समयावधि में बांटा गया (वर्ष 1952 से 1967, 1968-1990 और 1991-2011). शोधकर्ताओं ने पाया कि सभी अवधि के आंकड़े दर्शाते हैं कि हर दशक में पुरुषों में डिप्रेशन और उससे पैदा होने वाले मौत के खतरे का संबंध रहा है, जबकि महिलाओं में यह स्थिति 1990 के दशक की शुरुआत में उभरने लगी.

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शोधकर्ताओं ने बताया कि डिप्रेशन से संबंधित मौत का खतरा उस साल में सबसे ज्यादा था जिस साल डिप्रेशन लाने वाली कोई घटना घटी हो. उन्होंने बताया कि डिप्रेश का संबंध खराब आहार, व्यायाम की कमी, धूम्रपान और शराब पीने से भी होता है. हालांकि इन कारणों से पैदा अवसाद का संबंध मौत के बढ़े हुए खतरे से है यह स्पष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि सामाजिक बदलाव, डिप्रेशन से पीड़ित महिलाओं में उभर रहे मौत के खतरे को स्पष्ट करने में मदद कर सकता है. यह शोध कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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