प्रतीकात्मक तस्वीर
तिआनजिन:
चीन के वैज्ञानिकों ने क्लोनिंग की अत्याधुनिक लेकिन विवादित प्रौद्योगिकी को मुख्य धारा में लाने के मकसद से एक समझौता किया है, जिसके तहत चीन के उत्तरी समुद्रतटीय शहर तिआनजिन में वाणिज्यिक पशु क्लोनिंग केंद्र खोला जाएगा।
सरकार द्वारा प्रायोजित तिआनजिन के आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी विकास क्षेत्र (टीईडीए) में निर्मित होने वाले इस केंद्र पर जासूसी एवं पालतू कुत्तों, गाय एवं भैंसों तथा रेस में हिस्सा लेने वाले घोड़ों की क्लोनिंग की जाएगी। सूत्रों ने सोमवार को कहा कि क्लोनिंग सेंटर की मुख्य इमारत का निर्माण शुरू है और अगले वर्ष के मध्य तक इसमें क्लोनिंग का कार्य शुरू हो जाएगा।
बोयालाइफ ग्रुप की संबद्ध कंपनी सिनिका ने टीईडीए के साथ शुक्रवार को यह समझौता किया। सिनिका स्टेम सेल और पुनरुत्पादक औषधियों के क्षेत्र में काम करती है। सिनिका 20 करोड़ युआन की लागत से इस क्लोनिंग सेंटर का निर्माण पेकिंग विश्वविद्यालय का मॉलीक्यूलर मेडिसिन संस्थान, तिआनजिन अंतरराष्ट्रीय संयुक्त जैव औषधि अकादमी और उत्तरी कोरिया की कंपनी सूआम बायोटेक रिसर्च फाउंडेशन के साथ मिलकर कर रही है।
बायोलाइफ ग्रुप के बोर्ड चेयरमैन शू शियाचुन के अनुसार, शुरुआत में इस केंद्र से प्रतिवर्ष पशुओं के एक लाख भ्रूणों का उत्पादन होगा और इसके 10 लाख तक ले जाने का लक्ष्य है। शू ने कहा कि चीन में पशुपालक बाजार की मांग के बराबर मांस का उत्पादन नहीं कर पा रहे। दुनिया में अपने तरह के इस सबसे बड़े केंद्र पर पशुओं के गुणसूत्रों को स्टोर करने की व्यवस्था भी होगी और एक संग्रहालय भी होगा।
गौरतलब है कि 21वीं शताब्दी में अब तक चीन के वैज्ञानिक भेड़, सुअर और कई अन्य पशुओं की सफलतापूर्वक क्लोनिंग कर चुके हैं। चीन में क्लोनिंग की पहली वाणिज्यिक कंपनी की स्थापना सितंबर, 2014 में हुई थी, जहां तिब्बत के विशालकाय कुत्तों 'मास्टिफ' के तीन पिल्लों का क्लोनिंग के जरिए जन्म हुआ। पूर्वी शानदोंग प्रांत में स्थापित यह कंपनी बायोलाइफ और सूआम बायोटेक का संयुक्त उद्यम है।
सरकार द्वारा प्रायोजित तिआनजिन के आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी विकास क्षेत्र (टीईडीए) में निर्मित होने वाले इस केंद्र पर जासूसी एवं पालतू कुत्तों, गाय एवं भैंसों तथा रेस में हिस्सा लेने वाले घोड़ों की क्लोनिंग की जाएगी। सूत्रों ने सोमवार को कहा कि क्लोनिंग सेंटर की मुख्य इमारत का निर्माण शुरू है और अगले वर्ष के मध्य तक इसमें क्लोनिंग का कार्य शुरू हो जाएगा।
बोयालाइफ ग्रुप की संबद्ध कंपनी सिनिका ने टीईडीए के साथ शुक्रवार को यह समझौता किया। सिनिका स्टेम सेल और पुनरुत्पादक औषधियों के क्षेत्र में काम करती है। सिनिका 20 करोड़ युआन की लागत से इस क्लोनिंग सेंटर का निर्माण पेकिंग विश्वविद्यालय का मॉलीक्यूलर मेडिसिन संस्थान, तिआनजिन अंतरराष्ट्रीय संयुक्त जैव औषधि अकादमी और उत्तरी कोरिया की कंपनी सूआम बायोटेक रिसर्च फाउंडेशन के साथ मिलकर कर रही है।
बायोलाइफ ग्रुप के बोर्ड चेयरमैन शू शियाचुन के अनुसार, शुरुआत में इस केंद्र से प्रतिवर्ष पशुओं के एक लाख भ्रूणों का उत्पादन होगा और इसके 10 लाख तक ले जाने का लक्ष्य है। शू ने कहा कि चीन में पशुपालक बाजार की मांग के बराबर मांस का उत्पादन नहीं कर पा रहे। दुनिया में अपने तरह के इस सबसे बड़े केंद्र पर पशुओं के गुणसूत्रों को स्टोर करने की व्यवस्था भी होगी और एक संग्रहालय भी होगा।
गौरतलब है कि 21वीं शताब्दी में अब तक चीन के वैज्ञानिक भेड़, सुअर और कई अन्य पशुओं की सफलतापूर्वक क्लोनिंग कर चुके हैं। चीन में क्लोनिंग की पहली वाणिज्यिक कंपनी की स्थापना सितंबर, 2014 में हुई थी, जहां तिब्बत के विशालकाय कुत्तों 'मास्टिफ' के तीन पिल्लों का क्लोनिंग के जरिए जन्म हुआ। पूर्वी शानदोंग प्रांत में स्थापित यह कंपनी बायोलाइफ और सूआम बायोटेक का संयुक्त उद्यम है।