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This Article is From Feb 20, 2023

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान पूर्वजों ने छिपाया था खजाना, 80 साल बाद शख्स ने जमीन खोद कर निकाला

रिपोर्ट बताती है कि ग्लेज़वेस्की परिवार ने अपनी चांदी को दफन कर दिया और सितंबर 1939 में सोवियत सेना के आगे बढ़ने से पहले पूर्वी पोलैंड में से चले गए. परिवार के चारों बेटे दुनिया के अलग-अलग कोनों में बस गए.

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान पूर्वजों ने छिपाया था खजाना, 80 साल बाद शख्स ने जमीन खोद कर निकाला

पोलैंड के एक परिवार को अपने पूर्वजों द्वारा जमीन में दफन किया गया खजाना मिलने की खबर ने इंटरनेट पर सनसनी मचा दी है. यहां एक शख्स ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अपने परिवार द्वारा दफन किए गए बेशकीमती खजाने का पता लगाया है. 80 साल बाद इस आश्चर्यजनक खोज के बारे में समाचार केपटाउन विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है. रिपोर्ट बताती है कि ग्लेज़वेस्की परिवार ने अपनी चांदी को दफन कर दिया और सितंबर 1939 में सोवियत सेना के आगे बढ़ने से पहले पूर्वी पोलैंड में से चले गए. परिवार के चारों बेटे दुनिया के अलग-अलग कोनों में बस गए, लेकिन अपने पीछे छोड़ गए खजाने को कभी नहीं भूल पाए.

जमीन खोदकर दफन की संपत्ति

पूर्वी पोलैंड छोड़ने से पहले चारों भाइयों ने संपत्ति को जमीन खोद कर वहां दफन कर दिया था. उनके पिता एडम पोलैंड में रहे और 20 साल तक जीवित रहे, लेकिन विश्वविद्यालय की वेबसाइट के अनुसार वो लौट कर नहीं आए. एडम के पोते जान ग्लेज़वेस्की ने आखिरकार अपने पिता गुस्ताव द्वारा तैयार किए गए नक्शे का उपयोग करके खजाने की खोज की. कई अनुरोधों और कुछ निर्देशों के बाद 1989 में उन्हें हाथ से तैयार किया गया नक्शा मिला.

2019 से खोज में जुटे

नक्शे के साथ जन ग्लेज़वेस्की ने परिवार की चांदी खोजने के लिए अपनी खोज शुरू की. वह 2019 में वहां वापस लौटे. लेकिन उन्हें एक और समस्या का सामना करना पड़ा, यह क्षेत्र झाड़ियों के साथ ऊंचा हो गया था और तहखाना अब उतना दिखाई नहीं दे रहा था जितना पहले था, जिससे खजाने को ढूंढना लगभग असंभव कार्य हो गया.

लेकिन ग्लेज़वेस्की ने हार नहीं मान और स्थानीय लोगों से कुछ मदद मांगी. एक 92 वर्षीय स्कूल के प्रिंसिपल ने उनकी मदद की और तीन दिनों की खोज के बाद, वे तहखाना, आस-पास के यार्ड की दीवार और गड़ी हुई चांदी को खोजने में सफल रहे.

ग्लेज़वेस्की ने कहा, "मेरे पिता ने मुझे इस बारे में कोई संकेत नहीं दिया कि क्या दफनाया गया था. मुझे बड़ा अफसोस यह था कि मैंने उनसे और नहीं पूछा. मैंने बस कल्पना की थी कि यह वही पारिवारिक चांदी होगी जो हमें मेंटलपीस पर मिली है'. ग्लेज़वेस्की को चांदी के कैंडलस्टिक्स, कैन्डेलब्रास, दूध के जग, ट्रिंकेट, सिक्के और पदक मिले, एमिथिस्ट्स, गॉब्लेट्स और कुछ बंदूकों के साथ एक सोने का क्रॉस भी मिला.

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