90 साल बाद न्यूयॉर्क लाइब्रेरी में लौटी किताब, चौंका देगी लेट फीस के तौर पर वसूली गई रकम

न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, जोसेफ कॉनराड की 1925 की किताब 'यूथ एंड टू अदर स्टोरीज़' की एक कॉपी 1933 में लार्चमोंट पब्लिक लाइब्रेरी से इशू की गई थी.

90 साल बाद न्यूयॉर्क लाइब्रेरी में लौटी किताब, चौंका देगी लेट फीस के तौर पर वसूली गई रकम

90 साल बाद न्यूयॉर्क लाइब्रेरी में लौटी किताब

न्यूयॉर्क (New York) की एक लाइब्रेरी में एक किताब चेक आउट होने के 90 साल बाद वापस लौटी. न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, जोसेफ कॉनराड की 1925 की किताब 'यूथ एंड टू अदर स्टोरीज़' की एक कॉपी 1933 में लार्चमोंट पब्लिक लाइब्रेरी से इशू की गई थी. इसके करीब 90 सालों बाद वर्जीनिया की जोनी मॉर्गन ने किताब मिलने के बाद जुलाई में लाइब्रेरी से संपर्क किया. महिला ने बताया कि उनके सौतेले पिता के सामान के बीच उन्हें ये मिला. वहीं सबसे चौंकाने वाली बात तो ये हैं कि लाइब्रेरी ने लेट फीट के तौर पर केवल $5 ही वसूला.

किताब के लिए कॉल आने पर लाइब्रेरियन भी हुए कंफ्यूज

द पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि 1926 में लार्चमोंट लाइब्रेरी के उद्घाटन के बाद से यह शायद सबसे लंबा चेक-आउट था. कैरोलिन कनिंघम ने कहा कि जिस व्यक्ति ने किताब ली थी वह उस समय गांव में रहता था. लाइब्रेरियन ने कहा, निश्चित रूप से यह हमारे लिए काफी आश्चर्य की बात थी. उन्होंने किताब लौटाने वाली महिला के साथ हुई कॉल के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ‘पहले तो मैंने सोचा, क्या आप सही लाइब्रेरी में कॉल कर रहे हैं क्योंकि हमें वास्तव में वर्जीनिया से बहुत सारे फोन कॉल आते हैं क्योंकि वर्जीनिया में एक लार्चमोंट लाइब्रेरी है'.

1978 में हो चुकी है किताब लेने वाले की मौत

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जिम्मी एलिस, जिन्होंने ये किताब इशू करवाई थी, अपनी पहली पत्नी और दो बच्चों के साथ गांव में रहते थे, 1978 में उनकी मृत्यु हो गई थी. उनकी सौतेली बेटी की लेटर के मुताबिक उनका घर लार्चमोंट पब्लिक लाइब्रेरी से लगभग दो ब्लॉक की दूरी पर था और चूंकि जिम्मी, एक लेखक और शौकीन पाठक थे, उन्होंने निस्संदेह अपने लड़कों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया, इसलिए वे संभवतः नियमित आधार पर लार्चमोंट पब्लिक से किताबें उधार लेते थे.