बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अपने बयानों की वजह से विवादों में रहते हैं। अब उन्होंने नई घोषणा की है, जिसे लेकर वह एक बार फिर चर्चा में हैं। दरअसल, अब बिहार के लोगों को पान बिना जर्दा और सुपारी के खाना पड़ेगा, क्योंकि विश्व तम्बाकू दिवस के एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मांझी ने घोषणा की है कि खैनी और सिगरेट के अलावा हर तम्बाकू पदार्थ की खरीद और बिक्री बंद की जाएगी।
लगता है खैनी पर प्रतिबंध लगाने कि हिम्मत मांझी शायद इसलिए नहीं जुटा सके, क्योंकि उनके भविष्य की डोर जिन तीन शीर्ष नेताओं (शरद यादव, नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव) के हाथों में है, वे सब खैनी पसंद करते हैं। लालू यादव तो पान के शौकीन भी हैं।
मांझी की इस घोषणा से निश्चित रूप से बिहार के लाखों पान खाने वाले लोगों को धक्का लगाया होगा, लेकिन देखना यह होगा कि मांझी अभी इस घोषणा के आदेश निकाल पाते हैं या नहीं।
वजह है कि बिहार में पान की शौकीन न केवल आम जनता है, बल्कि उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी जैसे विजेंद्र यादव, लल्लन सिंह, पीके साही भी हैं। वहीं सुपारी के शौकीन तो मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और राज्य के पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर भी हैं।
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