
जब रेस्टोरेंट में कोई फैमिली, दोस्तों का ग्रुप या फिर कोई कपल लंच या डिनर करने पहुंचता है, तो जाहिर है कि ये सभी लोग बातचीत तो करेंगे ही. अब चाहे इसमें पर्सनल बातें हो या फिर प्रोफेशनल. अब साउथ बेंगलुरु का यह रेस्टोरेंट बहुत चर्चा में है. इस रेस्टोरेंट के कुछ ऐसे रूल्स हैं, जो लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं. इस रेस्टोरेंट ने अपने कस्टमर्स के लिए एक रूल्स बोर्ड लगाया हुआ है. पाकशाला नाम का यह रेस्टोरेंट रियल एस्टेट और राजनीति की बात करने वालों ग्राहकों को लेकर काफी गंभीर और परेशान दिख रहा है. दरअसल, इस रेस्टोरेंट का रुल है कि उसके कस्टमर्स यहां राजनीति और रियल एस्टेट की बात नहीं कर सकते. दरअसल, एक एक्स यूजर ने अपने एक्स हैंडल पर इस रेस्टोरेंट में लगे रूल बोर्ड की एक तस्वीर शेयर की है, जिस पर लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं.
रेस्टोरेंट ने क्यों बनाया यह रूल ? (Bengaluru Restaurant Unusual Rule)
रेस्टोरेंट के रूल बोर्ड पर लिखा है, 'यह सुविधा सिर्फ खाना खाने के लिए है, ना कि रियल एस्टेट और राजनीतिक चर्चा के लिए, कृपया बात को समझें और सहयोग करें'. वहीं, इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, 'बिल्कुल स्पष्ट इंस्ट्रक्शन, ठीक है'. अब लोगों का इस पोस्ट पर ध्यान जा रहा है. इस पोस्ट पर कई लोगों ने लिखा है कि बेंगलुरु में ऐसे कई रेस्टोरेंट हैं, जो इस रूल को फॉलो करते हैं. लोगों ने इस रूल का कारण बताते हुए कहा है रेस्टोरेंट में लोग राजनीति और रियल एस्टेट की बात करने के लिए घंटों-घंटों सीट पर बैठे रहते हैं और नए कस्टमर्स के लिए सीट नहीं बचती हैं. रेस्टोरेंट के इस रूल पर लोगों के मिक्स रिएक्शन आ रहे हैं.
Clear instructions alright. pic.twitter.com/jMyuOOv1zX
— Farrago Metiquirke (@dankchikidang) March 4, 2025
लोगों के आ रहे मिक्स रिएक्शन (Bengaluru Restaurant)
वहीं, रेस्टोरेंट में लोगों के शोर से परेशान होने वाले एक यूजर ने अपनी खिन्नता जाहिर करते हुए लिखा है, 'बहुत अच्छा, जब मैं रेस्टोरेंट में जोर-जोर से बात करने वाले लोगों को देखता हूं, तो मन करता है कि उन्हें जाकर मुक्का मारुं, बिल्कुल बेहूदे लोग, कोई सिविक सेंस नहीं, ऊपर से चिल्ला-चिल्लाकर बात करते हैं, 10 लोग आते हैं, 5 कॉफी ऑर्डर करते हैं और घंटों-घंटों कुर्सी से चिपके रहते हैं'. एक और लिखता है, 'मुझे आज भी याद है, 'जब मैं येलहंका में एक रेस्टोरेंट में पहुंचा था, तो मैंने वहां भी हूबहू ऐसा ही रूल बोर्ड देखा था'. एक और लिखता है, रेस्टोरेंट में ऐसे रुल होने ही चाहिए'. कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो रेस्टोरेंट के ऐसे नियमों के खिलाफ हैं. इसमें एक ने लिखा है, 'अजीब बात है, उसे लोगों की बातों पर नजर रखने की क्या जरूरत है? वे जो खाना खाते हैं, उसके लिए पैसे देते हैं, है न?. दूसरा लिखता है, इस तरह के नियमों से रेस्टोरेंट में लोग आना ही छोड़ देंगे.
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