
दूध में विटामिन बी3 जैसी संरचना वाले एक यौगिक के चमत्कारिक गुण सामने आए हैं। एक अध्ययन के मुताबिक आलसी जीवन शैली और वसा युक्त भोजन के बावजूद यह यौगिक आपको छरहरा बनाए रखता है।
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वाशिंगटन:
दूध में विटामिन बी3 जैसी संरचना वाले एक यौगिक के चमत्कारिक गुण सामने आए हैं। एक अध्ययन के मुताबिक आलसी जीवन शैली और वसा युक्त भोजन के बावजूद यह यौगिक आपको छरहरा बनाए रखता है।
एक प्रयोग में चूहे को नियासीन (विटामिन बी3) की संरचना वाले इस यौगिक निकोटिनामाइड राइबोसाइड (एनआर) की अधिक खुराक दी गई, साथ ही उसे उच्च वसायुक्त भोजन भी दिया गया। लेकिन एनआर के असर से चूहा मोटा नहीं हुआ। साथ ही उसके मांसपेशी की क्षमता बढ़ गई तथा तथा एनआर ने उसे मधुमेह से भी बचाए रखा। इसके अलावा इसका कोई नुकसान भी नहीं देखा गया।
विज्ञान पत्रिका सेल मेटोबोलिज्म के मुताबिक पोलिटेक्निक स्कूल ऑफ लाउसेन के वैज्ञानिक जोहान ने अपने स्विट्जरलैंड के विज्ञानी साथियों के साथ प्रयोग को अंजाम दिया और चूहे को एनआर की खुराक देने में वील कॉर्नेल मेडिकल कॉलेज के विज्ञानियों की मदद ली, जिन्होंने इस यौगिक की खोज में महत्चपूर्ण भूमिका निभाई थी।
वील कॉर्नेल मेडिकल कॉलेज के फार्मेकोलॉजी के सहायक प्रोफेसर एंथोनी सॉव ने कहा, "यह प्रयोग बहुत महत्वपूर्ण है। इससे पता चलता है कि जानवरों में एनआर के उपयोग से वे ही फायदे मिलते हैं, जो उन्हें कम कैलोरी युक्त भोजन और व्यायाम से मिलते हैं, भले ही वे अधिक कैलोरी युक्त भोजन करे और व्यायाम नहीं करे।"
एक प्रयोग में चूहे को नियासीन (विटामिन बी3) की संरचना वाले इस यौगिक निकोटिनामाइड राइबोसाइड (एनआर) की अधिक खुराक दी गई, साथ ही उसे उच्च वसायुक्त भोजन भी दिया गया। लेकिन एनआर के असर से चूहा मोटा नहीं हुआ। साथ ही उसके मांसपेशी की क्षमता बढ़ गई तथा तथा एनआर ने उसे मधुमेह से भी बचाए रखा। इसके अलावा इसका कोई नुकसान भी नहीं देखा गया।
विज्ञान पत्रिका सेल मेटोबोलिज्म के मुताबिक पोलिटेक्निक स्कूल ऑफ लाउसेन के वैज्ञानिक जोहान ने अपने स्विट्जरलैंड के विज्ञानी साथियों के साथ प्रयोग को अंजाम दिया और चूहे को एनआर की खुराक देने में वील कॉर्नेल मेडिकल कॉलेज के विज्ञानियों की मदद ली, जिन्होंने इस यौगिक की खोज में महत्चपूर्ण भूमिका निभाई थी।
वील कॉर्नेल मेडिकल कॉलेज के फार्मेकोलॉजी के सहायक प्रोफेसर एंथोनी सॉव ने कहा, "यह प्रयोग बहुत महत्वपूर्ण है। इससे पता चलता है कि जानवरों में एनआर के उपयोग से वे ही फायदे मिलते हैं, जो उन्हें कम कैलोरी युक्त भोजन और व्यायाम से मिलते हैं, भले ही वे अधिक कैलोरी युक्त भोजन करे और व्यायाम नहीं करे।"
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