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पाकिस्तान नहीं अब इस मुस्लिम देश में लगातार गायब हो रहे हैं हिन्दू, आखिर क्या है वजह

जब भी दुनिया में हिंदू आबादी की बात होती है, तो जहन में सबसे पहले भारत और नेपाल आते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि मुसलमान-बहुल देश बांग्लादेश में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी हिंदू आबादी रहती है. हैरानी की बात ये है कि दशकों से वहां हिंदुओं की संख्या लगातार घट रही है.

पाकिस्तान नहीं अब इस मुस्लिम देश में लगातार गायब हो रहे हैं हिन्दू, आखिर क्या है वजह
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी हिंदू आबादी यहां है, फिर भी जनगणना में हर बार क्यों कम हो रहे हैं लोग?

Third largest Hindu population country: दुनिया में सबसे ज्यादा हिंदू भारत में रहते हैं और उसके बाद नेपाल का नाम आता है, जो एक हिंदू-बहुल देश है, लेकिन तीसरे नंबर पर जो देश आता है, वह कई लोगों के लिए चौंकाने वाला है. बांग्लादेश, जो एक मुस्लिम-बहुल राष्ट्र है, वहां हिंदू आज भी एक बड़ी धार्मिक अल्पसंख्यक आबादी बनाकर रहते हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं की मौजूदगी कोई नई बात नहीं है. यह समुदाय दशकों से वहां रह रहा है और सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन का अहम हिस्सा रहा है. बावजूद इसके, समय के साथ उनकी संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की गई है.

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2022 जनगणना क्या कहती है? (What 2022 Census Reveals)

बांग्लादेश की 2022 की जनगणना के मुताबिक, देश की कुल आबादी करीब 16.5 करोड़ है, जिसमें से लगभग 7.95 प्रतिशत यानी करीब 1.3 करोड़ लोग हिंदू हैं. इसके मुकाबले बौद्ध और ईसाई समुदाय मिलकर भी देश की आबादी का 1 प्रतिशत से कम हिस्सा बनाते हैं. हालांकि, हिंदू पूरे बांग्लादेश में फैले हुए हैं, लेकिन कुछ जिलों में उनकी हिस्सेदारी ज्यादा है. ढाका डिवीजन के गोपालगंज जिले में हिंदू आबादी करीब 26.94 प्रतिशत है. सिलहट डिवीजन के मौलवीबाजार में 24.44 प्रतिशत और रंगपुर डिवीजन के ठाकुरगांव में 22.11 प्रतिशत हिंदू रहते हैं. खुलना जिले में तो हर पांचवां व्यक्ति हिंदू समुदाय से है.

एक सदी से जारी गिरावट (Bangladesh census Hindu population)

बांग्लादेश में हिंदू आबादी में गिरावट कोई हालिया घटना नहीं है. 1901 से लेकर अब तक की हर जनगणना में हिंदुओं की हिस्सेदारी कम होती दिखी है. सबसे तेज गिरावट 1941 से 1974 के बीच देखी गई, जब यह इलाका पूर्वी पाकिस्तान कहलाता था. सिर्फ पिछले एक दशक में ही हिंदू आबादी में 0.59 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. बांग्लादेश ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक, खुलना डिवीजन में सबसे ज्यादा 1.33 प्रतिशत की कमी आई.

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पलायन बना सबसे बड़ी वजह (Hindu minority in Muslim country)

इतिहासकार ज्ञानेश कुदैसिया के अनुसार, भारत के विभाजन के बाद अविभाजित बंगाल के करीब 42 प्रतिशत हिंदू, यानी लगभग 1.14 करोड़ लोग पूर्वी बंगाल में ही रह गए थे, लेकिन समय के साथ बड़ी संख्या में हिंदुओं ने बांग्लादेश छोड़कर भारत और अन्य देशों का रुख किया. हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों ने भी चिंता बढ़ाई है. अगस्त 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और भारत चले जाने के बाद उनके समर्थकों पर हमलों की खबरें आईं. चूंकि हिंदू समुदाय को पारंपरिक रूप से अवामी लीग का समर्थक माना जाता है, इसलिए असुरक्षा की भावना और गहरी हुई. बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई यूनिटी काउंसिल के मुताबिक, 5 अगस्त के बाद करीब 50 जिलों में 200 से ज्यादा हमलों की शिकायतें दर्ज की गईं.

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जनसंख्या दर का फर्क भी कारण (Fertility Rate and Demographic Change)

हिंदुओं की घटती संख्या के पीछे एक और वजह है...कम प्रजनन दर. 1969 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि मुस्लिम महिलाओं की औसत जन्म दर 7.6 बच्चे प्रति महिला थी, जबकि हिंदू महिलाओं में यह आंकड़ा 5.6 था. यही अंतर दशकों में बड़े जनसांख्यिकीय बदलाव का कारण बना. बांग्लादेश में हिंदू आबादी की कहानी सिर्फ आंकड़ों की नहीं, बल्कि इतिहास, राजनीति और सामाजिक बदलावों से जुड़ी है. दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी हिंदू जनसंख्या होने के बावजूद, लगातार गिरावट चिंता का विषय है.

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