NASA Astronaut Aurora Viral Video: हाल ही में नासा के एक एस्ट्रोनॉट ने इंटरनेशनल स्पेस सेंटर से एक अद्भुत वीडियो शेयर किया था. यह वीडियो स्पेस से शेयर किया गया था, जिसमें पृथ्वी और सूर्य के बीच चुबंकीय घर्षण से आकाशगंगा में बनी हरे रंग की घाटी (ऑरोरा) का हैरान कर देने वाला नजारा देखने को मिला था. बीते कुछ दिनों से स्पेस से आया यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. जो कोई भी इस वीडियो को देख रहा है, वो अपनी आंखों पर यकीन नहीं कर पा रहा है. अब इस वीडियो पर सवाल उठ रहे हैं. अब सोशल मीडिया पर इस बात पर बहस छिड़ गई है कि यह वीडियो रियल है या फिर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टेक्नोलॉजी से बनाया गया है.
वायरल हुआ अद्भुत वीडियो (NASA Astronaut Aurora Viral Video)
बता दें, इंटरनेशनल स्पेस सेंटर से इस वीडियो को नासा के एस्ट्रोनॉट डोन पेटिट ने अपने एक्स हैंडल पर शेयर किया था. इस वीडियो को शेयर कर पेटिट ने पोस्ट के कैप्शन में लिखा था, 'ऑरोरा के ऊपर उड़ता हुआ, जोकि पूरी तरह से ग्रीन है'. इस वीडियो में भी आप देख सकते हैं कि कैसे स्पेस के नीचे पानी की तरह तैरती ग्रीन घाटी दिख रही है. अब इस स्पेस से आए इस चौंकाने वाले वीडियो पर कुछ लोग हैरान हैं, तो कुछ इसे एआई टेक्नोलॉजी की कलाबाजी मान रहे हैं. इस वीडियो पर कई यूजर्स ने इसके फेक और एआई से निर्मित बताया है. आइए जानते हैं आखिर क्या है ऑरोरा पर लोगों के रिएक्शन.
Flying over aurora; intensely green. pic.twitter.com/leUufKFnBB
— Don Pettit (@astro_Pettit) January 6, 2025
लोगों ने बताया फेक (Users Reaction on Aurora?)
इस वीडियो पर एक यूजर ने लिखा है, 'हाय, यह मेरी क्लेप्टन कैंडी ग्रीन स्ट्रैट की तरह दिखती है, यह तो बहुत मजेदार है'. दूसरा यूजर लिखता है, 'ऑरोरा ग्रीन तो ऊपर से और भी चौंकाने वाले दिखती है, प्योर मैजिक'. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस अद्भुत नजारे को सरासर फेक बता रहे हैं. इसमें एक यूजर ने लिखा है, 'यह यकीनन फेक है'. दूसरा यूजर लिखता है,' यह तो एआई की मदद से बनाया लगता है'. तीसरा यूजर लिखता है, 'ऑरोरा बोरेलिस लगातार चलता रहता है और बदलता रहता है, न कि केवल एक स्थिर छवि की तरह जो टिमटिमाती है'. वहीं, कुछ लोग इस पोस्ट को लाइक कर शेयर कर रहे हैं.
क्या है ऑरोरा ? (What is aurora?)
ऑरोरा अट्रेक्टिव नेचुरल लाइट का एक अद्भुत प्रदर्शन होता है, जो तब होता है जब सूर्य से आवेशित कण पृथ्वी के वायुमंडल में गैसों के साथ संपर्क करते हैं. ये कण अकसर चुंबकीय घर्षण की तरह सोलर एक्टिविटी के दौरान निकलते हैं. जब ये घटनाएं उत्तरी ध्रुव के पास होती हैं, तो उन्हें ऑरोरा बोरेलिस या नॉर्दर्न लाइट्स के रूप में जाना जाता है, जबकि दक्षिणी ध्रुव के पास होने वाली इन गतिविधियों को ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस या सदर्न लाइट्स कहा जाता है.
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