देश के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने निर्माणाधीन नए संसद भवन के ऊपरी तल पर सोमवार सुबह भारत के राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तम्भ का अनावरण किया.यह स्तंभ देश की पहचान है. कांस्य धातु से बने 6500 किलोग्राम वजनी राष्ट्रीय प्रतीक की ऊंचाई 20 फीट है. न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग के सेंट्रल फोयर के शीर्ष पर कास्ट से पहले यह विशालकाल अशोक स्तम्भ 8 चरणों से गुजरा है, जिसमें क्ले मॉडलिंग/कंप्यूटर ग्राफिक से ब्रॉन्ज कास्टिंग और पॉलिशिंग तक की प्रक्रिया शामिल है. राष्ट्रीय प्रतीक को सपोर्ट करने के लिए लगभग 6500 किलोग्राम वजनी स्टील की एक सहायक संरचना का निर्माण किया गया है.
राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह के अनावरण के समय पीएम मोदी के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी उपस्थित रहे. पीएम मोदी ने अशोक स्तम्भ के अनावरण के बाद वहां निर्माण कार्यों में लगे कामगारों के साथ बातचीत भी की. उन्होंने कामगारों से पूछा, आपको क्या लग रहा है, सिर्फ एक इमारत बना रहे हैं या इतिहास बना रहे हैं? कामगारों ने एक स्वर में कहा, इतिहास बना रहे हैं.
प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 11 जुलाई, 2022 को नए संसद भवन के शीर्ष पर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण किया. इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष, ओम बिरला उपस्थित थे. संसदीय कार्य और कोयला और खान मंत्री, श्री प्रल्हाद जोशी; आवास और शहरी मामलों और पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, श्री हरदीप सिंह पुरी; राज्य सभा के उपसभापति श्री हरिवंश और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे.
नए संसद भवन का निर्माण कार्य तय समय के अनुसार चल रहा है और सिविल वर्क लगभग पूरा हो चुका है. अब तक 62 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और 30 अक्टूबर, 2022 तक संपूर्ण काम पूरा होने और दोनों सदनों को सौंपे जाने की संभावना है. संसद के शीतकालीन सत्र, 2022 के नए संसद भवन में होने की संभावना है.
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