65 years ago Prayagraj Kumbh in 1954: प्रयागराज यानी कि इलाहाबाद में कुंभ मेले की तैयारियां जोरों पर हैं. हर 12 साल में होने वाला ये कुंभ भक्तों के लिए और देश विदेश के साधु संतों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन होता है. जिसमें शामिल होने पूरे देश से भक्त एक जगह जुटते हैं. विदेशों से भी बहुत से लोग यहां आते हैं. इलाहाबाद के त्रिवेणी संगम पर होने वाले कुंभ मेले में आना और पवित्र नदियों में डुबकी लगाना हर भक्त के लिए पुण्य प्राप्त करने जैसा अनुभव होता है. करीब 65 साल पहले त्रिवेणी संगम पर आजाद भारत का पहला कुंभ आयोजित हुआ. चलिए आपको बताते हैं कैसा था उस कुंभ का नजारा.
ऐसा था आजाद भारत का पहला कुंभ
इंस्टाग्राम पर पंडित सूरज पांडे ने पहले कुंभ का वीडियो शेयर किया है. प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर आजाद भारत में तब पहली बार कुंभ का आयोजन हुआ था. साल था 1954. इस साल कुंभ को सफल बनाने के लिए यूपी सरकार और भारत सरकार दोनों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी. मेला का नजारा भी अद्भुत था. इस कुंभ मेले में शामिल होने के लिए कुछ अखाड़े हाथियों पर सवार होकर कुंभ में पहुंचे थे. मेले में करीब एक करोड़ भक्त जुटे थे. जिनके बीच हाथियों की सवारी शान से गुजर रही थी. सुरक्षा और व्यवस्था की कमान संभाल रही पुलिस घोड़ों पर सवार होकर मेले में गश्त कर रही थी.
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पीएम, सीएम ने लिया जायजा
इस मेले में भक्तों के इलाज का बंदोबस्त भी किया गया था. सारे भक्तों को मेले में प्रवेश करने से पहले ही है टीके लगाए गए. सेना के जवानों ने अपने हाथों से पुल का निर्माण किया. ताकि एक ही जगह पर भीड़ न लगे. बुलडोजरों की मदद से गंगा के किनारों को समतल किया गया. ताकि भक्त आसानी से गंगा नदी में डुबकी लगा सके. तत्कालीन मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंथ ने नाव की सवारी करते हुए एक एक जगह का खुद मुआयना किया. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू भी कुंभ का जायजा लेने खुद वहां गए थे.
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