China Fat Prison: चीन में इन दिनों एक चौंकाने वाला ट्रेंड तेजी से फैल रहा है, जिसे लोग ‘फैट प्रिजन' (Fat Prison) यानी मोटापे की जेल कह रहे हैं. यहां मोटे लोगों को वजन घटाने के लिए ऐसे कैंपों में रखा जाता है, जहां करीब 12 घंटे रोजाना एक्सरसाइज, सख्त नियम और बाहर निकलने पर लगभग पूरी तरह रोक होती है. इन कैंपों में एक महीने रहने के लिए लोगों को मोटी रकम चुकानी पड़ती है, जिसके बदले उन्हें एक बंक बेड और दिन में तीन बार खाना दिया जाता है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे दावे
कई चीनी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर दावा कर रहे हैं कि उन्होंने इन कैंपों में रहकर एक हफ्ते में 10 किलो तक वजन घटा लिया है. हालांकि, उनके अनुभवों ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है. कुछ लोग इसे फिटनेस का सख्त लेकिन असरदार तरीका बता रहे हैं, जबकि कई इसे मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न करार दे रहे हैं.
कैसी है ‘फैट प्रिजन' के अंदर की जिंदगी?
इन ‘फैट जेल' जैसे कैंपों में दिन की शुरुआत सुबह साढ़े सात बजे अलार्म से होती है. इसके बाद सार्वजनिक रूप से वजन मापा जाता है. फिर घंटों एरोबिक्स, वेट ट्रेनिंग, हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट और स्पिन क्लासेज कराई जाती हैं. शाम को फिर से वजन मापा जाता है. पूरे कैंप के चारों तरफ ऊंची बाड़ और लॉक गेट होते हैं, जो हर वक्त बंद रहते हैं. बाहर निकलने के लिए ‘वैध कारण' जरूरी बताया जाता है. कैंप अधिकारी लोगों का सामान भी चेक करते हैं और अगर कोई चिप्स, मिठाई या अन्य ‘मोटापा बढ़ाने वाली चीजें' मिलती हैं, तो उन्हें जब्त कर लिया जाता है.
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विदेशी इन्फ्लुएंसर ने खोले राज
ऑस्ट्रेलिया की एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, जो इंस्टाग्राम पर अपने अनुभव शेयर कर रही हैं, उन्होंने बताया, कि उन्होंने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़कर एशिया आकर इस कैंप को चुना है. उनका कहना है कि कैंप की जिंदगी उतनी डरावनी नहीं है जितनी दिखती है और उन्होंने दो हफ्तों में 4 किलो वजन घटाया है. उनके मुताबिक, यहां दिया जाने वाला खाना पौष्टिक होता है और दिन में कुछ घंटे आराम, काम और कपड़े धोने के लिए भी मिलते हैं.

लेकिन मौतों ने खड़े किए गंभीर सवाल
रिपोर्ट के मुताबिक, इन कैंपों को लेकर चिंताएं तब और गहरी हो गईं, जब एक 21 वर्षीय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की मौत की खबर सामने आई. बताया गया कि वह वजन घटाने के कैंप में शामिल हुई थी और कुछ ही समय में उन्होंने काफी वजन कम किया था. इस घटना के बाद चीनी मीडिया और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इन कैंपों की सुरक्षा और नियमों पर सवाल उठाए हैं.
मोटापा, सुंदरता और सामाजिक दबाव
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन में तेजी से बढ़ता मोटापा, बदलती जीवनशैली और ‘पतले दिखने' का सामाजिक दबाव ऐसे बिजनेस को बढ़ावा दे रहा है. शोधकर्ताओं के अनुसार, सुंदरता की परिभाषा अब एक तरह की सामाजिक पूंजी बन चुकी है, जिससे वजन घटाने का उद्योग करोड़ों का कारोबार कर रहा है.
फिटनेस या शोषण?
जहां कुछ लोग इन ‘फैट जेल' को जीवन बदलने वाला अनुभव बता रहे हैं, वहीं कई इसे मानव गरिमा और स्वास्थ्य के लिए खतरा मान रहे हैं. सवाल यही है कि क्या फिटनेस के नाम पर इस तरह की सख्ती जायज है, या यह एक नया तरह का शोषण है?
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