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This Article is From Sep 27, 2015

फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग ने ऐसा क्या पूछा कि भावुक हो उठे पीएम नरेंद्र मोदी

फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग ने ऐसा क्या पूछा कि भावुक हो उठे पीएम नरेंद्र मोदी
भरे मन से बात करते पीएम मोदी
सेन होजे: सिलिकन वैली के कैलिफोर्निया में स्थित फेसबुक के कार्यालय में संस्थापक मार्क जुकरबर्क से मुलाकात की और तमाम लोगों के सवालों का अपने चिरपरिचित अंदाज में सीधा जवाब दिया। लेकिन मार्क के एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी का गला भर आया और उन्हें जवाब देते समय इतिहास के भावुक लम्हों से गुजरना पड़ा।

मार्क ने पीएम मोदी से पूछा : परिवार बहुत जरूरी है... मेरे माता पिता आपके कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए हैं। आपकी जिंदगी में मां अहम हैं... कुछ बताएं...

मां का ज्रिक करते हुए पीएम मोदी ने कहा,‘ छोटा था, हमारा गुजारा करने के लिए (यह कहते हुए उनका गला भर आया और कुछ देर अपने को संभालने का प्रयास करते रहे).. मां आसपास पड़ोस के घरों में बर्तन साफ करती थीं, पानी भरती थीं, मजदूरी करती थीं। आप कल्पना कर सकते हैं एक मां ने अपने बच्चों को बड़ा करने के लिए कितना कष्ट उठाया।’’

पीएम मोदी ने भरे गले से जब अपने बचपन व मां के बारे में ये बाते कहीं तो कार्य्रकम में मौजूद सभी लोग भावुक हो उठे और बाद में सबने खड़े होकर देर तक तालियां बजाते हुए उनकी भावनाओं से खुद को जोड़ा। इस अवसर पर मार्क के माता-पिता भी उपस्थित थे।

पीएम मोदी ने कहा,‘ हर किसी के जीवन में दो लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.. एक अध्यापक और दूसरी मां की। मेरे जीवन में मेरे मां बाप का बहुत बड़ा योगदान रहा। मैं काफी गरीब परिवार से हूं, लोग जानते हैं कि मैं रेलवे स्टेशन पर चाय बेचता था। कोई कल्पना नहीं कर सकता कि दुनिया के इतने बड़े लोकतंत्र ने नेता माना। इसके लिए मैं देश की सवा अरब जनता को नमन करता हूं जिन्होंने मुझ जैसे व्यक्ति को अपना बना लिया।’

अपने बचपन का ज्रिक करते हुए वह बहुत भावुक हो उठे और कहा कि वह बहुत सामान्य परिवार से हैं.‘‘ पिता नहीं रहे, माता हैं जो अब 90 साल की हैं लेकिन सारे काम खुद करती हैं। पढ़ी लिखी नहीं है लेकिन टीवी से समाचार से उन्हें पता रहता है कि दुनिया में क्या चल रहा है।’’

आप कल्पना कर सकते हैं कि एक मां ने अपने बच्चों को बड़ा करने के लिए कितना कष्ट उठाया होगा। ये नरेंद्र मोदी के केस में नहीं है... भारत में ऐसी लाखों माताएं हैं जिन्होंने अपने बच्चों के सपनों के लिए अपना पूरा जीवन आहूत कर दिया।

इसलिए मैं सभी माताओं को शत् शत् वंदन करता हूं... उनके आशीर्वाद से हमें शक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि मां हमेशा चाहती है बच्ची सही रास्ते पर रहे... मां हमेशा चाहती है कि आप कैसे बनो, वहीं यह नहीं चाहती कि आप कुछ भी बन जाओ।
(इनपुट भाषा से भी)

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