वीडियो काफ्रेंसिंग मंच जूम ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान उसका इस्तेमाल करने वाले उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा में चूक को लेकर हो रही आलोचनाओं को दूर करने के लिए कई कदम उठाए हैं. जूम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक युआन ने बुधवार को उन कदमों की जानकारी दी जो कंपनी डेटा हैकिंग और किसी व्यक्ति द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग कॉल में जबरन घुसपैठ करने यानी ‘जूमबॉम्बिंग' से होनी वाली परेशानियों के खिलाफ कंपनी उठा रही है.
इस सप्ताह के अंत तक पैसा देने वाले उपयोगकर्ता यह चुन सकेंगे कि उनका डेटा किस क्षेत्र से गुजरेगा। इस कदम का मकसद उन चिंताओं को दूर करना है कि चीन से गुजरने वाले डेटा में ताकझांक हो सकती है. जूम ने एक ऑनलाइन पोस्ट में कहा, ‘‘चीन में बैठक के सर्वरों का मकसद हमेशा यह सुनिश्चित करना होता है कि उपयोगकर्ताओं के चीन से बाहर होने वाली बैठक के आंकड़ें चीन के बाहर ही रहे.''
सिलिकॉन वैली के इस स्टार्टअप ने यह भी कहा कि वह कमियों का पता लगाने के लिए साइबर सुरक्षा कंपनी ‘लूटा सिक्योरिटी' और उसके ‘‘बग बाउंटी'' कार्यक्रम के साथ काम रही है जो उन शोधकर्ताओं को इनाम देती है जो उसके काम में सुरक्षा संबंधी कमियों का पता लगाते हैं. जूम ने हाल ही में आई उस खबर पर बात की जिसमें कहा गया कि अपराधी उपयोगकर्ताओं की ‘लॉग-इन' सूचना ‘‘डार्क वेब'' पर बेच रहे हैं.
जूम ने कहा कि वह ऐसी प्रणाली बनाने पर काम कर रहा है जिसमें यह पता चल जाए कि क्या लोग यूजरनेम और पासवर्ड चोरी करने की कोशिश कर रहे हैं. जूम की सुरक्षा में किए गए सुधार में ऐसे टूलबार भी शामिल है जिसमें अजनबियों के लिए चैट को लॉक करने तथा बैठक करने संबंधी पासवर्ड आवश्यकताओं को डिफॉल्ट सेटिंग बनाया जा सकता है.
भारत ने जूम के इस्तेमाल पर इस सप्ताह प्रतिबंध लगाते हुए कहा कि यह ऐप सुरक्षित नहीं है और सरकारी अधिकारी आधिकारिक कार्यों के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करें. इस बीच, अमेरिका के कई राज्यों के अभियोजक कंपनी की निजता और सुरक्षा संबंधी प्रक्रियाओं की जांच कर रहे हैं और एफबीआई ने जूम सत्र के हाइजैक होने को लेकर आगाह किया है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं