रामल्लहा:
फिलीस्तीन के नेता मरहूम नेता यासर अराफात का शव मंगलवार को कब्र से निकाला गया, ताकि उनके अवशेष से जहर की जांच के नमूने लिए जा सकें।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, फिलीस्तीनी गार्ड के सदस्यों ने कब्र से उनके शव का ताबूत निकाला और इसे फिलीस्तीनी प्रेजीडेंसी के रामल्लाह मुख्यालय स्थित मस्जिद में ले गए।
सूत्रों के अनुसार, अवशेष प्लास्टिक के स्ट्रेचर पर मस्जिद ले जाए गए, जहां उसके नमूने लिए जाएंगे।
अराफात का शव कब्र से निकाले जाने के मौके पर स्विट्जरलैंड, फ्रांस और रूस के जांचकर्ताओं एवं विशेषज्ञों के अतिरिक्त अराफात की मौत की जांच कर रही फिलीस्तीनी समिति के प्रमुख तौफीक तिरावी भी मौजूद थे।
फिलीस्तीन के वरिष्ठ मुफ्ती, फिलीस्तीनी प्रेजीडेंसी के महासचिव और महान्यायवादी भी अराफात का शव कब्र से निकाले जाने के मौके पर मौजूद थे।
अराफात का शव जल्द ही पूरे सैन्य सम्मान के साथ एक बार फिर दफना दिया जाएगा। इस प्रक्रिया को गोपनीय रखने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
अराफात की कब्र से उनके अवशेष इसलिए लिए जा रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि 11 नवंबर, 2004 को फ्रांस के एक अस्पताल में उनकी मौत किस कारण से हुई थी? कहीं यह जहर की वजह से तो नहीं हुई थी? फिलीस्तीनियों को संदेह है कि इस्राइल ने उन्हें जहर दिया था।
इस साल की शुरुआत में स्विट्जरलैंड के विशेषज्ञों ने अराफात के निजी समाानों, जैसे-अंडरवियर और टूथब्रश की जांच की थी, जिस पर रेडियोएक्टिव पदार्थ पोलोनियम-210 पाए गए थे।
अराफात की पत्नी सुहा ने याचिका दायर कर फ्रांस के अस्पताल से अपने पति की मौत की जांच कराने की मांग की थी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, फिलीस्तीनी गार्ड के सदस्यों ने कब्र से उनके शव का ताबूत निकाला और इसे फिलीस्तीनी प्रेजीडेंसी के रामल्लाह मुख्यालय स्थित मस्जिद में ले गए।
सूत्रों के अनुसार, अवशेष प्लास्टिक के स्ट्रेचर पर मस्जिद ले जाए गए, जहां उसके नमूने लिए जाएंगे।
अराफात का शव कब्र से निकाले जाने के मौके पर स्विट्जरलैंड, फ्रांस और रूस के जांचकर्ताओं एवं विशेषज्ञों के अतिरिक्त अराफात की मौत की जांच कर रही फिलीस्तीनी समिति के प्रमुख तौफीक तिरावी भी मौजूद थे।
फिलीस्तीन के वरिष्ठ मुफ्ती, फिलीस्तीनी प्रेजीडेंसी के महासचिव और महान्यायवादी भी अराफात का शव कब्र से निकाले जाने के मौके पर मौजूद थे।
अराफात का शव जल्द ही पूरे सैन्य सम्मान के साथ एक बार फिर दफना दिया जाएगा। इस प्रक्रिया को गोपनीय रखने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
अराफात की कब्र से उनके अवशेष इसलिए लिए जा रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि 11 नवंबर, 2004 को फ्रांस के एक अस्पताल में उनकी मौत किस कारण से हुई थी? कहीं यह जहर की वजह से तो नहीं हुई थी? फिलीस्तीनियों को संदेह है कि इस्राइल ने उन्हें जहर दिया था।
इस साल की शुरुआत में स्विट्जरलैंड के विशेषज्ञों ने अराफात के निजी समाानों, जैसे-अंडरवियर और टूथब्रश की जांच की थी, जिस पर रेडियोएक्टिव पदार्थ पोलोनियम-210 पाए गए थे।
अराफात की पत्नी सुहा ने याचिका दायर कर फ्रांस के अस्पताल से अपने पति की मौत की जांच कराने की मांग की थी।
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