फलस्तीन:
फलस्तीन के राष्ट्रपति ने बुधवार को कहा कि दिवंगत नेता यासिर अराफात की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए उनके शव को कब्र से बाहर निकाला जा सकता है।
राष्ट्रपति का यह बयान स्विट्जरलैंड के एक प्रयोगशाला के दावे के बाद आया है कि उसे अराफात के अंतिम दिनों में उपयोग किए गए वस्तुओं से रेडियोधर्मी पदाथरें का संकेत मिला है।
अराफात की पत्नी सुहा ने प्रयोगशाला के दावे के आधार पर अटॉप्सी के लिए हां कह दी है। यह खबर सबसे पहले अरब सेटेलाइट चैनल अल-जजीरा पर आयी थी।
चैनल को दिए गए एक साक्षात्कार में सुहा ने इस बारे में कुछ नहीं कहा कि उन्होंने अराफात के सामानों (जिसमें टूथब्रश और फर का एक हैट शामिल है) की जांच करवाने में आठ वर्ष क्यों लगा दिए। यहां तक कि उन्होंने अराफात की मौत के बाद उनकी अटॉप्सी के लिए भी मना कर दिया था।
अराफात की मृत्यु नवंबर 2004 में पेरिस के बाहर एक सैन्य अस्पताल में हुई थी। डॉक्टरों ने कहा था कि उन्हें गंभीर मस्तिष्क रक्तस्राव हुआ है।
संवाद समिति (एपी) की ओर से अराफात के मेडिकल रिपोर्टों की जांच करने वाले डॉक्टरों और स्वतंत्र विशेषज्ञों को रक्तस्राव का कोई कारण नहीं मिला है।
अरब देशों में यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि अराफात को इस्राइल ने मारा होगा क्योंकि वह उन्हें शांति समझौते के मार्ग में बहुत बड़ा रोड़ा मानता था। इस्राइली अधिकारियों ने इस मामले में कोई भी संलिप्तता होने से मना किया है।
राष्ट्रपति का यह बयान स्विट्जरलैंड के एक प्रयोगशाला के दावे के बाद आया है कि उसे अराफात के अंतिम दिनों में उपयोग किए गए वस्तुओं से रेडियोधर्मी पदाथरें का संकेत मिला है।
अराफात की पत्नी सुहा ने प्रयोगशाला के दावे के आधार पर अटॉप्सी के लिए हां कह दी है। यह खबर सबसे पहले अरब सेटेलाइट चैनल अल-जजीरा पर आयी थी।
चैनल को दिए गए एक साक्षात्कार में सुहा ने इस बारे में कुछ नहीं कहा कि उन्होंने अराफात के सामानों (जिसमें टूथब्रश और फर का एक हैट शामिल है) की जांच करवाने में आठ वर्ष क्यों लगा दिए। यहां तक कि उन्होंने अराफात की मौत के बाद उनकी अटॉप्सी के लिए भी मना कर दिया था।
अराफात की मृत्यु नवंबर 2004 में पेरिस के बाहर एक सैन्य अस्पताल में हुई थी। डॉक्टरों ने कहा था कि उन्हें गंभीर मस्तिष्क रक्तस्राव हुआ है।
संवाद समिति (एपी) की ओर से अराफात के मेडिकल रिपोर्टों की जांच करने वाले डॉक्टरों और स्वतंत्र विशेषज्ञों को रक्तस्राव का कोई कारण नहीं मिला है।
अरब देशों में यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि अराफात को इस्राइल ने मारा होगा क्योंकि वह उन्हें शांति समझौते के मार्ग में बहुत बड़ा रोड़ा मानता था। इस्राइली अधिकारियों ने इस मामले में कोई भी संलिप्तता होने से मना किया है।
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