इमान अहमद अब्दुलाती का निधन
अबू धाबी:
भारी मोटापे से ग्रस्त मिस्र की महिला इमान अहमद अब्दुलाती का अबू धाबी के अस्पताल में निधन हो गया है. उनका इलाज मुंबई के सैफी अस्पताल में भी हुआ था, लेकिन कुछ दिन बाद ही उनकी बहन इलाज के लिए उन्हें अबु धाबी ले गई थीं. इमान 500 किलो की थीं जब वह मुंबई इलाज करवाने आई थीं. इमान अहमद अब्दुलाती 25 साल से अलेक्जेंड्रिया स्थित अपने घर से बाहर नहीं निकली थीं.
इमान इलाज के लिए अबू धाबी गई थीं
भोजन करने, कपड़े बदलने और साफ-सफाई समेत अन्य दैनिक कार्यों के लिए वह अपनी मां और बहन चायमा अब्दुलाती पर निर्भर थीं. अल अरबिया के मुताबिक जन्म के समय ही उसका वजन असामान्य रूप से 500 किलोग्राम था. डॉक्टरों ने उसे एलिफेंटाइसिस से पीड़ित पाया था. यह एक परजीवी संक्रमण है, जिसमें पिंडलियों में काफी सूजन आ जाती है. डॉक्टरों ने यह भी बताया कि ग्लैंड्स (ग्रंथियों) में गड़बड़ी के चलते उसके शरीर में जरूरत से ज्यादा पानी जमा हो जाता है.
मिस्र की महिला इमान की बहन के वजन न घटने के दावे को डॉक्टर ने झूठा बताया
इमान जब छोटी थी, तब वह अपने हाथों के सहारे इधर-उधर घूम-फिर लेती थी, लेकिन 11 साल की उम्र होते-होते वह अपने भारी वजन के कारण खड़ी नहीं हो पाती थी और घर में सिर्फ खिसक पाने में सक्षम रही. सेरेब्रल स्ट्रोक होने के बाद उसे प्राइमरी स्कूल छोड़ना पड़ा और वह पूरी तरह से बिस्तर पर रहने लगी. उसके बाद से इमान बिल्कुल शिथिल और कुछ भी कर पाने में असमर्थ होकर सिर्फ अपने घर में ही पड़ी रहती है.
वह इलाज के लिए मुंबई आई थीं और उनका वजन 250 किलोग्राम कम होने की बात भी सामने आई थी,लेकिन उनकी बहन ने डॉक्टरों पर आरोप लगाया था कि उनकी बहन के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं आया, जबकि डॉक्टरों का कहना था कि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है. इन्हीं आरोप-प्रत्यारोपों के बीच वह ईमान को अबू धाबी ले गईं.
इमान इलाज के लिए अबू धाबी गई थीं
भोजन करने, कपड़े बदलने और साफ-सफाई समेत अन्य दैनिक कार्यों के लिए वह अपनी मां और बहन चायमा अब्दुलाती पर निर्भर थीं. अल अरबिया के मुताबिक जन्म के समय ही उसका वजन असामान्य रूप से 500 किलोग्राम था. डॉक्टरों ने उसे एलिफेंटाइसिस से पीड़ित पाया था. यह एक परजीवी संक्रमण है, जिसमें पिंडलियों में काफी सूजन आ जाती है. डॉक्टरों ने यह भी बताया कि ग्लैंड्स (ग्रंथियों) में गड़बड़ी के चलते उसके शरीर में जरूरत से ज्यादा पानी जमा हो जाता है.
मिस्र की महिला इमान की बहन के वजन न घटने के दावे को डॉक्टर ने झूठा बताया
इमान जब छोटी थी, तब वह अपने हाथों के सहारे इधर-उधर घूम-फिर लेती थी, लेकिन 11 साल की उम्र होते-होते वह अपने भारी वजन के कारण खड़ी नहीं हो पाती थी और घर में सिर्फ खिसक पाने में सक्षम रही. सेरेब्रल स्ट्रोक होने के बाद उसे प्राइमरी स्कूल छोड़ना पड़ा और वह पूरी तरह से बिस्तर पर रहने लगी. उसके बाद से इमान बिल्कुल शिथिल और कुछ भी कर पाने में असमर्थ होकर सिर्फ अपने घर में ही पड़ी रहती है.
वह इलाज के लिए मुंबई आई थीं और उनका वजन 250 किलोग्राम कम होने की बात भी सामने आई थी,लेकिन उनकी बहन ने डॉक्टरों पर आरोप लगाया था कि उनकी बहन के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं आया, जबकि डॉक्टरों का कहना था कि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है. इन्हीं आरोप-प्रत्यारोपों के बीच वह ईमान को अबू धाबी ले गईं.
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