भारत ने गुरुवार को कहा कि दुनिया को लोकतंत्र और मानवाधिकारों पर पाकिस्तान से सबक लेने की जरूरत नहीं है, जिसका आतंकवाद फैलाने में ‘‘अद्वितीय योगदान'' है और जहां आतंकवादी फलते-फूलते हैं तथा सड़कों पर बेखौफ घूमते हैं.
मानवाधिकार परिषद की आम बहस के 52वें सत्र में भारत के जवाब देने के अधिकार का प्रयोग करते हुए अवर सचिव डॉ. पी. आर. तुलसीदास ने पाकिस्तान से यह भी आह्वान किया कि वह निरर्थक प्रचार में शामिल होने और भारत में साम्प्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा देने के प्रयास करने के बजाय अपने देश में अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा और कल्याण पर ध्यान केंद्रित करे.
उन्होंने कहा, ‘‘एक ऐसे देश से जहां आतंकवादी फलते-फूलते हैं और सड़कों पर बेखौफ घूमते हैं, दुनिया को लोकतंत्र और मानवाधिकारों पर सबक की जरूरत नहीं है.''
उन्होंने रेखांकित किया कि पाकिस्तान, संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित 150 से अधिक आतंकवादियों का पनाहगाह है.
तुलसीदास ने कहा, ‘‘क्या पाकिस्तान इस तथ्य से इंकार कर सकता है कि 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के साजिशकर्ता खुलेआम वहां घूम रहे हैं. क्या पाकिस्तान इस तथ्य से इंकार कर सकता है कि दुनिया का सबसे वांछित आतंकवादी ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में एक सैन्य अकादमी के निकट रह रहा था, जिसे पनाह और संरक्षण प्राप्त था.''
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