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80 फीट नीचे पाताल में छिपा ईरान का परमाणु 'किला', जिसे तबाह करना इजरायल के लिए मुश्किल क्‍यों 

इजरायल ने ईरान में कई परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया है. कम से कम अभी एक अहम न्‍यूक्लियर साइट पूरी तरह से बची हुई है और वह है फोर्डो फ्यूल एनरिचमेंट प्‍लांट.

तेल अवीव:

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू ने ईरान को किसी भी तरह से परमाणु शक्ति न बनने देने की कसम खाई है. शुक्रवार से ही जारी हमलों में इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) की तरफ से ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए जा रहे हैं. लेकिन क्‍या वाकई इजरायल जिस लक्ष्‍य से इस बार ईरान के सामने आया है, उसे कभी हासिल कर पाएगा? जब से ईरान के साथ इजरायल जंग में उतरा है तब से ही यह एक सवाल हर किसी के दिमाग में आ रहा है. विशेषज्ञों ने इसका जवाब न में दिया है. 

इतना ताकतवर नहीं इजरायल?  

पिछले कुछ दिनों में, इजरायल ने ईरान में कई परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया है. कम से कम अभी एक अहम न्‍यूक्लियर साइट पूरी तरह से बची हुई है और वह है फोर्डो फ्यूल एनरिचमेंट प्‍लांट. यह एक हैवी सिक्‍योरिटी वालर बेस है जो एक पहाड़ के नीचे गहराई में दबा हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह बेस हर तरह के हवाई हमले को झेल सकता है और सिर्फ अमेरिका के पास ही इसे तबाह करने की क्षमता है. न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स के अनुसार इजरायल ने भले ही अपने सीक्रेट मिशन और सैन्य पहुंच से पश्चिमी इंटेलीजेंय एजेंसियों को चौंका दिया हो लेकिन इस बात के कोई सबूत नहीं है कि उसके पास फोर्डो की सुरक्षा को भेदने के लिए पर्याप्त हथियार हैं. 

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ईरान का फोर्डो क्या है?

फोर्डो, फोर्डो फ्यूल एनरिचमेंट प्‍लांट दरअसल ईरान की सबसे सीक्रेट और बहुत ज्‍यादा सुरक्षा वाली न्‍यूक्लियर साइट में से एक है. कोम से 30 किमी और तेहरान से 160 किमी दूर फोर्डो गांव के पास एक पहाड़ के नीचे छिपी हुई इस जगह को हवाई हमलों और विदेशी ताकतों का विरोध करने के लिए ही डिजाइन किया गया था. यह स्थान मूल रूप से ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कंट्रोल में रहने वाले एक मिसाइल बेस का हिस्सा है. 

कैसे हुआ फोर्डो प्लांट का निर्माण

साल 2000 के दशक की शुरुआत में ईरान ने सीक्रेट गुप्त 'अमाद प्‍लानिंग' के तहत फोर्डो का कंस्‍ट्रक्‍शन शुरू किया था. इसका मकसद ही परमाणु हथियार विकसित करना था. कई सालों तक इस पर किसी की नजर नहीं गई थी. लेकिन साल 2009 में पश्चिमी देशों की इंटेलीजेंस एजेंसियों ने प्लांट का पर्दाफाश किया. इसके बाद ईरान ने इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी यानी IAEA के सामने इसका खुलासा कर दिया था. उस साल जैसे ही ईरान ने इस बारे में दुनिया को बताया तो परमाणु हथियारों की उसकी महत्‍वाकांक्षाओं ने दुनिया के सामने चिंताएं पैदा कर दी थी. 

हिट करना इतना मुश्किल क्यों?

इजरायल के लिए फोर्डो का 'किला' फतेह कर पाना इतना आसान नहीं है. 80 से 300 फीट अंडरग्राउंड बनी यह न्‍यूक्लियर साइट, सबसे बड़ी चुनौती है. यह इसे पारंपरिक बमों और यहां तक ​​कि एडवांस्‍ड इजरायली हथियारों की पहुंच से भी दूर रखता है. इस फैसिलिटी को मूल रूप से करीब 3,000 IR-1 सेंट्रीफ्यूज रखने के लिए बनाया गया था जिन्हें दो अलग-अलग ब्‍लॉक्‍स में अरेंज किया गया था. ईरान का यह बेस अब रूस की S-300 सिस्‍टम समेत सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की सुरक्षा में है. साथ ही लगातार होने वाली बमबारी से बचने के लिए इसे मजबूत किया गया है. 

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द न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के क्रिटिकल थ्रेट्स प्रोजेक्ट के रिसर्च मैनेजर निकोलस कार्ल ने कहा, 'तेहरान ने यह तय किया है कि यह फैसिलिटी हवाई हमलों से बच सकती है. इस वजह से ही इजरायल के लिए फोर्डो को भेद पाना बाकी साइट की तुलना में बहुत ही मुश्किल लक्ष्‍य बन गया है.' 

क्‍या है फोर्डो का रोल  

साल 2015 के परमाणु समझौते (JCPOA) के तहत फोर्डो को शांतिपूर्ण वैज्ञानिक उपयोग के लिए फिर से इस्तेमाल किया जाना था जैसे आइसोटोप प्रोडक्‍शन. साथ ही एनरिचमेंट एक्टिविटीज को रोक दिया गया था.  साल 2018 में अमेरिका इस समझौते से पीछे हट गया और ईरान ने यहां पर एनरिचमेंट फिर से शुरू कर दिया. साल 2025 आते-आते  एडवांस्‍ड  IR-6 मॉडल समेत करीब 2,000 सेंट्रीफ्यूज साइट पर चालू हैं. ये 60 फीसदी की शुद्धता तक यूरेनियम को एनरिच कर रहे हैं जो परमाणु हथियार के लिए जरूरी 90 प्रतिशत सीमा के खतरनाक रूप से करीब है. 

फोर्डो को अब ईरान के अंतिम और सबसे अहम संवर्धन गढ़ के तौर पर देखा जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि एक अनुमान के अनुसार यह हर तीन महीने में 166 किलोग्राम 60 प्रतिशत समृद्ध यूरेनियम का उत्पादन करता है. अगर इसे और समृद्ध किया जाए तो शायद चार परमाणु बम बन सकते हैं. बाकी ईरानी परमाणु स्थलों पर बार-बार हमलों के बावजूद, फोर्डो अछूता रहा है. 

क्‍या कहता है इजरायल

इजरायल के अधिकारी ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को रोकने के लिए फोर्डो के विनाश को महत्वपूर्ण मानते हैं. एक्सियोस के अनुसार, हाल ही में अमेरिका में इजराइली राजदूत येचिएल लीटर ने कहा, 'पूरा ऑपरेशन असल में फोर्डो के खात्मे के साथ पूरा होना चाहिए.'  माना जाता है कि सिर्फ अमेरिका के पास ही इसे नष्‍ट करने में सक्षम हथियार हैं. GBU-57A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP), एक 15-टन 'बंकर बस्टर', शायद ऐसा अकेला बम है जो फोर्डो के केंद्र तक पहुंचने की शक्ति रखता है. ऐसा नहीं लगता है कि अभी तक इजरायल ने इस तरह की क्षमता विकसित कर ली होगी. 

वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन में अप्रसार नीति के निदेशक केल्सी डेवनपोर्ट ने कहा,'इजरायल ईरान की प्रमुख परमाणु सुविधाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन इजरायल अमेरिकी मिलिट्री की मदद के बिना फोर्डो जैसी कठोर साइटों को नष्ट नहीं कर सकता है.' 

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