अल-ख़ज़र (इराक):
मोसुल में जब भी आईएसआईएस के वाइस स्क्वाड (निगरानी रखने वाला दल) को कोई महिला हाथों में दस्ताने पहने बिना दिखती है, वे अपनी जेब से प्लायर निकाल लिया करते हैं.
इसके बाद उत्तरी इराक स्थित आईएसआईएस के इस गढ़ में विरोधियों द्वारा अरबी भाषा में 'दाएश' कहकर पुकारे जाने वाले इस दल के लोग 'दोषी' को कई तरह की सज़ाएं दिया करते हैं.
पिछले सप्ताह मोसुल से भागकर आई 15-वर्षीय फिरदौस का कहना है, "दाएश उस प्लायर से महिला की खाल को बहुत ज़ोर से खींचते हैं..." फिरदौस यह अंजाम झेलने से बच गई थी, लेकिन उसने रॉयटर को बताया कि आईएसआईएस के पास ऐसे बहुत-से तरीके हैं, जिनकी मदद से वे अपनी आचार संहिता के बहुत-से नियमों को लागू करवाते हैं. इन्हीं में से एक नियम यह भी है कि महिलाएं अपने खुले हाथ सार्वजनिक रूप से नहीं दिखा सकती हैं.
मोसुल पर फिर कब्ज़ा करने के लिए चलाए जा रहे इराकी अभियान के तहत कुर्दिश फौज द्वारा वापस कब्ज़ा लिए गए शहर अल-ख़ज़र में फिरदौस ने बताया, "अन्य सज़ा यह होती है कि हमें (महिलाओं को) दस्ताने नहीं पहनने के लिए कोड़े मारे जाते हैं..."
आईएसआईएस की पकड़ से भागने में कामयाब हुए अन्य लोगों की ही तरह फिरदौस भी अपना पूरा नाम बताने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि उसे डर है कि ऐसा करने से अब भी सिर्फ 27 किलोमीटर की दूरी पर मोसुल में ही मौजूद उसके रिश्तेदारों पर मुसीबत आ सकती है.
© Thomson Reuters 2016
इसके बाद उत्तरी इराक स्थित आईएसआईएस के इस गढ़ में विरोधियों द्वारा अरबी भाषा में 'दाएश' कहकर पुकारे जाने वाले इस दल के लोग 'दोषी' को कई तरह की सज़ाएं दिया करते हैं.
पिछले सप्ताह मोसुल से भागकर आई 15-वर्षीय फिरदौस का कहना है, "दाएश उस प्लायर से महिला की खाल को बहुत ज़ोर से खींचते हैं..." फिरदौस यह अंजाम झेलने से बच गई थी, लेकिन उसने रॉयटर को बताया कि आईएसआईएस के पास ऐसे बहुत-से तरीके हैं, जिनकी मदद से वे अपनी आचार संहिता के बहुत-से नियमों को लागू करवाते हैं. इन्हीं में से एक नियम यह भी है कि महिलाएं अपने खुले हाथ सार्वजनिक रूप से नहीं दिखा सकती हैं.
मोसुल पर फिर कब्ज़ा करने के लिए चलाए जा रहे इराकी अभियान के तहत कुर्दिश फौज द्वारा वापस कब्ज़ा लिए गए शहर अल-ख़ज़र में फिरदौस ने बताया, "अन्य सज़ा यह होती है कि हमें (महिलाओं को) दस्ताने नहीं पहनने के लिए कोड़े मारे जाते हैं..."
आईएसआईएस की पकड़ से भागने में कामयाब हुए अन्य लोगों की ही तरह फिरदौस भी अपना पूरा नाम बताने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि उसे डर है कि ऐसा करने से अब भी सिर्फ 27 किलोमीटर की दूरी पर मोसुल में ही मौजूद उसके रिश्तेदारों पर मुसीबत आ सकती है.
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