चीन के मिलिट्री ड्रिल के क्या हैं मायने, क्या खामियाजा भुगतेगी दुनिया?

ताइवान के अनुसार रविवार को चीन के करीब 70 विमानों ने उसके करीब से उड़ान भरी है . ताइवान को लेकर चीन पहले भी कई बार इस तरह की आक्रामकता दिखा चुका है.

चीन के मिलिट्री ड्रिल के क्या हैं मायने, क्या खामियाजा भुगतेगी दुनिया?

नई दिल्ली:

चीन और ताइवान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. ताइवान को लेकर चीन एक बार फिर से आक्रामक होता जा रहा है. चीन की तरफ से ताइवान को सभी दिशाओं से घेरकर एक मिलिट्री ड्रिल किया गया है. तीन दिनों तक चला यह मिलिट्री ड्रिल सोमवार को खत्म हुआ. चीन ने यह मिलिट्री ड्रिल ताइवान के राष्ट्रपति के अमेरिका दौरे के कारण की गई है. ताइवान के राष्ट्रपति के देश वापस आने के साथ ही चीन ने ताइवान की घेराबंदी शुरू कर दी.

गौरतलब है कि चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता रहा है. वहीं ताइवान चीन के दावे को खारिज करता रहा है. मिलिट्री ड्रिल की समाप्ति के बाद चीन की तरफ से कहा गया है कि सेना युद्ध के लिए तैयार है. चीन ने कहा है कि उसकी सेना किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को कुचलने के लिए तैयार है. चीन की तरफ से ताइवान के ठिकानों पर टार्गेट स्ट्राइक का अभ्यास किया गया है. 

ताइवान के अनुसार रविवार को चीन के करीब 70 विमानों ने उसके करीब से उड़ान भरी है . ताइवान को लेकर चीन पहले भी कई बार इस तरह की आक्रमकता दिखा चुका है. पिछले साल भी ताइवान और चीन के बीच तनाव देखने को मिला था.ताइवान की सेना ने भी चीन के मिलिट्री ड्रिल का जवाब दिया है. ताइवान की तरफ से भी डि्रिल की गई है. वहीं पूरे मामले पर अमेरिका ने चीन को संयम बरतने की अपील की है. 

इन घटनाओं से हिंद प्रशांत क्षेत्र में एक नए फ्लैश प्वाइंट बनने की आहट देखी जा सकती है. क्या ऐसे में ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या यूक्रेन के बाद अब ताइवान में दुनिया की बड़ी शक्तियां आमने सामने होगी? 

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