सिडनी:
मलेशिया एयरलाइन्स के लापता विमान एमएच370 की पानी के नीचे तलाश में जुटे हॉलैंड की कंपनी के शीर्ष खोजकर्ताओं ने कहा है कि उनके मुताबिक संभवतः विमान अंतिम क्षणों में सीधे नीचे नहीं डूबा, और उसे पायलट द्वारा चलाया जाना मुमकिन हो गया हो, और वह कहीं और ले जाया गया हो, जिसका अर्थ यह हुआ कि वे पिछले दो साल से समुद्र के गलत हिस्से में खोज कर रहे हैं।
मलेशिया एयरलाइन्स की उड़ान संख्या एमएच370 मार्च, 2014 में कुआला लंपुर से बीजिंग जाते वक्त 239 यात्रियों तथा क्रू समेत लापता हो गई थी। इंजीनियरिंग ग्रुप फुगरो के नेतृत्व में खोजकर्ताओं का एक दल विमान के मलबे की तलाश में पिछले दो साल समुद्र का इतना बड़ा हिस्सा खंगाल रहा है, जितना बड़ा ग्रीस देश है...
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पास दक्षिणी हिन्द महासागर में 1,20,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में जारी यह खोज तीन महीने में खत्म होने की संभावना है, जिसके बाद इसे रोका जा सकता है, लेकिन उस मुद्दे पर शुक्रवार को मलेशिया, चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक बैठक होने जा रही है। फिलहाल खोज के दौरान कुछ भी खोजा नहीं जा सका है।
फुगरो के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पॉल कैनेडी ने समाचार एजेंसी रॉयटर को बताया, "अगर वह यहां नहीं है, तो इसका अर्थ है कि वह कहीं और है..."
हालांकि कैनेडी किसी भी संभावना से इंकार नहीं करते, लेकिन उनकी टीम के मुताबिक यह संभावना भी है कि अंतिम क्षणों में पायलट उसे चलाने में कामयाब हो गया हो, जिसका अर्थ यह हुआ कि वह उस इलाके से बाहर निकल गया हो, जो सैटेलाइट तस्वीरों से आंकड़े जुटाकर खोज के लिए तय किया गया था।
कैनेडी ने कहा, "अगर उसे चलाया गया था, तो वह काफी दूर तक गया हो सकता है... हो सकता है, उसे चलाकर उस इलाके से काफी दूर तक ले जाया गया हो, जहां हम खोज रहे हैं, सो, तर्कपूर्ण नतीजा यही है कि ऐसा हुआ होना मुमकिन है..."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
मलेशिया एयरलाइन्स की उड़ान संख्या एमएच370 मार्च, 2014 में कुआला लंपुर से बीजिंग जाते वक्त 239 यात्रियों तथा क्रू समेत लापता हो गई थी। इंजीनियरिंग ग्रुप फुगरो के नेतृत्व में खोजकर्ताओं का एक दल विमान के मलबे की तलाश में पिछले दो साल समुद्र का इतना बड़ा हिस्सा खंगाल रहा है, जितना बड़ा ग्रीस देश है...
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पास दक्षिणी हिन्द महासागर में 1,20,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में जारी यह खोज तीन महीने में खत्म होने की संभावना है, जिसके बाद इसे रोका जा सकता है, लेकिन उस मुद्दे पर शुक्रवार को मलेशिया, चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक बैठक होने जा रही है। फिलहाल खोज के दौरान कुछ भी खोजा नहीं जा सका है।
फुगरो के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पॉल कैनेडी ने समाचार एजेंसी रॉयटर को बताया, "अगर वह यहां नहीं है, तो इसका अर्थ है कि वह कहीं और है..."
हालांकि कैनेडी किसी भी संभावना से इंकार नहीं करते, लेकिन उनकी टीम के मुताबिक यह संभावना भी है कि अंतिम क्षणों में पायलट उसे चलाने में कामयाब हो गया हो, जिसका अर्थ यह हुआ कि वह उस इलाके से बाहर निकल गया हो, जो सैटेलाइट तस्वीरों से आंकड़े जुटाकर खोज के लिए तय किया गया था।
कैनेडी ने कहा, "अगर उसे चलाया गया था, तो वह काफी दूर तक गया हो सकता है... हो सकता है, उसे चलाकर उस इलाके से काफी दूर तक ले जाया गया हो, जहां हम खोज रहे हैं, सो, तर्कपूर्ण नतीजा यही है कि ऐसा हुआ होना मुमकिन है..."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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