रूस के यूक्रेन पर हमले (Russia Ukraine War) के दस दिन बीत चुके हैं, लेकिन यूक्रेनी सेना रूसी फौज को कीव, खारकीव जैसे बड़े शहरों में बड़े पैमाने पर आगे बढ़ने नहीं दे रही है. दोनों ओर से लगातार सैनिकों, मिसाइलों, लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा भी किया जा रहा है. ऐसे ही दावों के बीच यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने एक नया वीडियो जारी किया है. इसमें दावा किया गया है, इस तरह रूसी आक्रमणकारी मारे रहे हैं. इस बार हेलीकॉप्टर में. यूक्रेन और उसकी रक्षा करने वालों की जय! हम एक साथ जीतेंगे! यूक्रेनी सेना टैंक भेदी जेवलिन मिसाइलों और अन्य हथियारों के जरिये रूस को मजबूत चुनौती दे रही है. यूक्रेन और रूसी सेना के बीच दो दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है.इस बीच यूक्रेन और रूस के बीच मारियुपोल (Mariupol) और वोल्नोवाखा शहर में 5 घंटे के संघर्षविराम का समझौता हुआ था, लेकिन यूक्रेन ने रूस पर इस सहमति के उल्लंघन कर गोलाबारी का आरोप लगाया है.
#stoprussia
— Defence of Ukraine (@DefenceU) March 5, 2022
⚔️ Так гинуть російські окупанти. Цього разу у вертольоті!
Слава Україні та її захисникам! Разом до перемоги! ????????@GeneralStaffUA pic.twitter.com/raFOepF06P
यूक्रेन का कहना है कि रूसी सेना ने फायरिंग रोकने वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मारियुपोल शहर को रूसी सेनाओं ने कई दिनों से घेरा है. वहां बिजली, पानी, भोजन का संकट है. भयंकर सर्दी के बीच लोग परेशान हैं. रूस की इस घेराबंदी को द्वितीय विश्व युद्ध में लेनिनग्राड की नाजी सेना की घेराबंदी से तुलना की गई है. रूसी हमले के बाद से अब तक 12 लाख लोग पड़ोसी मुल्कों की ओर भाग चुके हैं. इससे जनता को साइलेंस पीरियड में शहर से जाने का मौका दिया गया था.
यूक्रेन का कहना है कि हम मारियुपोल शहर में मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं. शहर के मेयर वादिम बोयचेंको ने संघर्षविराम के साथ भोजन और दवाओं की पहुंच के लिए मानवीय गलियारे की मांग दोहराई. रूस ने 10 दिनों के हमले में बर्डियांस्क और खेरसान जैसे महत्वपूर्ण शहरों पर कब्जा जमाया है. खेरसान दक्षिण काला सागर के तट पर रणनीतिक तौर पर अहम शहर है.
लेकिन अजोव सागर के किनारे के मारियुपोल शहर पर कब्जा उसके लिए बड़ी रणनीतिक जीत साबित हो सकता है. इसके जरिये रूस यूक्रेन की समुद्री तटों तक पहुंच को पूरी तरह बंद कर सकता है. साथ ही क्रीमिया और डोनबास से आने वाले सैनिकों के बीच संपर्क भी कायम हो सकता है.
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